शुक्रवार (19 मई) को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। आरबीआई के मुताबिक अब नए नोट नहीं छापे जाएंगे लेकिन बाजार में मौजूद नोट फिलहाल वैध रहेंगे। आरबीआई के मुताबिक 2000 के नोट 30 सितंबर तक बैंक पहुंच कर जमा कराए जा सकते हैं।

कब चलन में आया था 2000 का नोट?

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के नोटों को चलन से हटाए जाने के दौरान 2000 का नोट जारी किया गया था।  यह पूरी तरह से नए डिजाइन के साथ जारी किया गया गुलाबी रंग का नोट था।  2000 के नोट अक्टूबर 2016 के अंत तक मैसूरु में मुद्रा प्रिंटिंग प्रेस से मुद्रित किया गया था। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 के अंत में 2000 के 3,285 मिलियन नोट प्रचलन में थे। 2000 के नोटों का हिस्सा मार्च 2017 के अंत में 50.2 प्रतिशत से घटकर 37.3 प्रतिशत हो गया था।

चिप को लेकर उड़ी थी अफवाह

2000 के नोट के जारी होने के बाद अफवाह उड़ी थी कि इन नोट्स में एक बेहतरीन तरह का चिप होगा जिससे नोट की लोकेशन का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा। सोशल मीडिया पर लिखा गया था कि नोटों में खास किस्म के चिप होंगे हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट किया था कि ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है। चिप को लेकर माहौल बनाने वाले लोगों में टीवी मीडिया के कई बड़े पत्रकार भी शामिल थे जिसके बाद इसका मज़ाक भी उड़ाया गया था।

दिखना बंद हो गए थे 2000 के नोट

2000 के नोट पिछले कुछ वक़्त से बहुत कम दिखाई दे रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बहुत पहले ही सरकार ने 2000 को नोट को छापना बंद कर दिया था।  इस साल मार्च के आखिर तक चलन वाले कुल नोट में इनकी हिस्सेदारी घटकर 214 करोड़ या 1.6 प्रतिशत रह गई. यानी सरकार 2000 के नोट अब नहीं छाप रही है और इसको छोटे नोटों से रिप्लेस किया जा रहा है. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।