रीयल एस्टेट क्षेत्र को तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण घटक करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि डेवल्परों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि उन्हें बाजार अर्थव्यवस्था में अपना अस्तित्व बनाये रखना सीखना होगा। वे यहां क्रेडाई-बैंकॉन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘रीयल एस्टेट उद्योग का मूलाधार यह नहीं हो सकता कि आप केवल सब्सिडी से ही जीवित रह सकते हैं। डेवल्परों को बाजार अर्थव्यवस्था की ताकत तथा उन्हें वित्तपोषण करने की हमारे बैंकों की क्षमता पर ही बने रहना होगा।’
उद्योग जगत को उसकी दिक्कतों से निपटने में मदद का वादा करते हुए जेटली ने कहा, ‘हम उद्योग द्वारा उठाए गए मुद्दों पर निश्चित रूप से विचार करेंगे। मेरा मानना है कि बीते कुछ साल में रीयल्टी क्षेत्र में मंदी का दौर अब समाप्त होना चाहिए और हमें अब बेहतर आर्थिक गतिविधियों व सभी के लिए बेहतर आवास की उम्मीद करनी चाहिए।’
रीयल एस्टेट कंपनियों की प्रमुख चिंता मंजूरियों व भूमि अधिग्रहण में देरी के साथ साथ सस्ते कोष की अनुपलब्धता को लेकर है क्योंकि ज्यादातर बैंक रीयल्टी परियोजनाओं में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि रीयल इस्टेट क्षेत्र अर्थव्यवस्था के लिहाज से आगामी महत्वपूर्ण घटक साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें अधिक टाउनशिप व स्मार्ट शहर विकसित करने होंगे लेकिन साथ ही उपनगरीय इलाकों को अच्छा बुनियादी ढांचा व कनेक्टिविटी उपलब्ध करानी होगी।’
उन्होंने बड़ी रीयल्टी परियोजनाओं के लिए जमीन हासिल करने में दिक्कतों को स्वीकार किया और कहा कि यह राज्य का मामला है और प्रगति चाहने वाले राज्य अनुकूल बदलाव करेंगे ताकि जमीन की आसान उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने 2022 तक सभी के लिए वहनीय आवास उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
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