इससे सुस्त पड़े रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है। पहली बार और 45 लाख रुपए तक का मकान खरीदने वालों के लिए लाभ दिया गया।
सोमवार को 2021-22 के बजट भाषण में कहा कि सरकार सभी के लिए आवास और किफायती मकानों को प्राथमिकता के क्षेत्रों में रखती है। वहीं, सिंगल विंडो क्लीयरेंस की मांग को लेकर कुछ नहीं कहा गया। इससे लोग निराश हुए हैं।
वित्तीय सेवाओं से जुड़े चार्टेड अकाउंटेंट मनीष पांडे का मानना है कि बजट संतुलित है, जो ढांचागत विकास और यातायात प्रबंधन क्षेत्र को बढ़ावा देगा। नगदी के बजाए डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने वाला है, जिसे दीर्घकालिक योजनाओं के मद्देनजर देखा जाना चाहिए। हालांकि बजट में एमएसएमई सेक्टर को राहत दी है।
इस सेक्टर के बजट को दोगुना कर दिया गया है। रियल एस्टेट कंपनी एबीए कॉर्प के निदेशक और क्रेडाई (पश्चिम यूपी) के पदाधिकारी अमित मोदी का कहना है कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में बड़े कदम की सराहना करते हैं।
अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देते हुए प्रोजेक्ट के लिए एक वर्ष के लिए टैक्स हॉलिडे को बढ़ाकर, एक साल के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन पर अतिरिक्त 1.5 लाख की ब्याज कटौती, मांग को और बढ़ावा देगी। सनवर्ल्ड ग्रुप के सीईओ विजय वर्मा का कहना है कि एमएसएमई के लिए 15,700 करोड़ रुपए और अगले पांच वर्षों के लिए निर्माण सेक्टर के लिए 1.97 ट्रिलियन क्षेत्र को से लाभ होगा।
एक वर्ष के बाद, रोजगार सृजन के लिए बजट बनाना इन सेक्टर को मजबूत करना महत्त्वपूर्ण था। रियल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़ा नियोक्ता है लेकिन बजट निराशाजनक निकला।
सिक्का समूह के एमडी हरविंदर सिक्का का कहना है कि इस बजट से रियल एस्टेट क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग पूरी नहीं हुई है। हम पूरे क्षेत्र के लिए उद्योग की स्थिति और सुचारू कामकाज के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस की मांग कर रहे हैं, सरकार ने इन आवश्यकताओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है।