देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने MODI 3.O का पहला आम बजट पेश किया। हालांकि शेयर बाजार को मोदी सरकार का बजट रास नहीं आया है। निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में वृद्धि की घोषणा की है। इसे बढ़ाकर 12.50 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह 10 फीसदी था। इसी के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है।

क्या होता है कैपिटल गेन टैक्स?

अब सबसे बड़ा सवाल आपके मन में आता होगा कि आखिर में कैपिटल गेन टैक्स होता क्या है? आपके कैपिटल पर जो प्रॉफिट होता है और उस प्रॉफिट पर जो टैक्स लगाया जाता है, उसे कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है। यह किसी प्रकार का एसेट भी हो सकता है या फिर शेयर का स्टॉक भी हो सकता है। यह दो तरीके का होता है। एक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स होता है और एक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स होता है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है?

शॉर्ट टर्म के उलट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स होता है। इसके अनुसार अगर किसी स्टॉक को आप 1 साल बाद बेचते हैं और उस पर जो मुनाफा होता है, उस मुनाफे पर लगने वाला टैक्स लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहलाता है। इसी में बदलाव हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 12.50 फीसदी की दर से देना होगा।

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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स किस पर लगता है?

अब जानिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स किस पर लगता है? यदि आप कोई स्टॉक खरीदते हैं और उसे 1 साल के अंदर बेचते हैं तो उस स्टॉक पर हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। हालांकि अहम बात है कि एक लाख रुपये तक के मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता है और अगर इससे ज्यादा मुनाफा होता है तो उस पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है।

बजट की बड़ी बातें

  • एजुकेशन लोन पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ”सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।”
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”इस साल कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये है।”