केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को पूर्ण बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार के लिए पुरानी पेंशन योजना की मांग को पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय बजट 2024-25 से पहले मोदी सरकार को एनपीएस को खत्म करने और विभिन्न सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ओपीएस वापस लाने के कई प्रस्ताव मिले हैं।

ओपीएस की बहाली की बढ़ती मांगों के बीच उम्मीद है कि मोदी सरकार एनपीएस को पूरी तरह खत्म नहीं करने पर भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए गारंटीकृत पेंशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट 2024 भाषण में एनपीएस के तहत पेंशन के रूप में कर्मचारियों के अंतिम वेतन का 50% की गारंटी की घोषणा कर सकती हैं।

यह कदम एनपीएस के तहत बेहतर पेंशन भुगतान की वकालत करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राहत दे सकता है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने पहले ही वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात कर ओपीएस की बहाली का आग्रह किया था। पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के 50% के बराबर आजीवन पेंशन मिलती है, जिसे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर समय-समय पर समायोजित किया जाता है। ओपीएस उनकी सेवा के दौरान कर्मचारी योगदान की आवश्यकता के बिना एक निश्चित पेंशन राशि की गारंटी देता है।

इसके अलावा एनपीएस एक ‘Defined Contribution’ योजना के रूप में कार्य करता है। केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% देती है। एनपीएस के तहत पेंशन योगदान और निवेश रिटर्न पर निर्भर होती है, जिससे पेंशन राशि बदलती रहती है।

सशस्त्र बलों को छोड़कर सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जो अप्रैल 2004 के बाद सेवाओं में शामिल हुए, वह 20 साल पहले लागू किए गए पेंशन सुधारों के हिस्से के रूप में नई पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत कवर किए गए हैं। इसके बाद से ही विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार कर्मचारी संघ पुरानी व्यवस्था की बहाली की मांग कर रहे हैं।

क्या मोदी सरकार अंतिम वेतन का 50% पेंशन की मांग पूरा करेगी?

केंद्र पहले भी कई बार कह चुका है कि पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटना कोई विकल्प नहीं है। लेकिन रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मोदी सरकार एक नया समाधान खोजने की कोशिश कर रही है और एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अंतिम वेतन के 50% की पेंशन पर विचार कर रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन प्रणाली के बीच भुगतान असमानताओं को देखते हुए मोदी सरकार यह कदम उठा सकती है। वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन के नेतृत्व में एक समिति को ओपीएस की वापसी की मांग की जांच करने और सरकार के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था। ओपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर समायोजन के साथ, उनके अंतिम वेतन का 50% आजीवन पेंशन मिलती है।

केंद्र सरकार के कर्मचारी क्यों कर रहे हैं OPS बहाली की मांग?

केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने कई मुद्दों का हवाला देते हुए एनपीएस के बारे में चिंताएं व्यक्त की हैं। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि दो पेंशन प्रणालियों के अस्तित्व के कारण समान सेवा वर्षों वाले एक ही संगठन के सेवानिवृत्त लोगों के बीच आय में असमानता पैदा हो गई है, जिससे साथ-साथ काम करने वाले कर्मचारियों के विभिन्न समूहों के बीच भेदभाव की भावना पैदा हो रही है।