वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा।
हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों ने पहले लोन लिया था और उसका भुगतान कर दिया गया है, वही लोग इसके पात्र होंगे। मुद्रा लोन सरकारी ऋण योजना है और इसके तहत तीन श्रेणियों में लोन दिया जाता है। शिशु कैटेगरी के तहत 50 हजार तक का लोन मिलता है। तो वहीं किशोर कैटेगरी के लिए 50 हजार से 5 लाख तक का लोन मिलता है। जबकि तरुण कैटेगरी में 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता था।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत अब तक 27.75 लाख करोड़ रुपये के लोन बांटे जा चुके हैं और 47 करोड़ से अधिक छोटे और नए उद्यमियों को इस योजना से लाभ हुआ है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार पीएमएमवाई के तहत स्वीकृत कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 30.64 करोड़ (69%) महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा स्टैंड-अप इंडिया के तहत स्वीकृत 2.09 लाख ऋणों में से 1.77 लाख (84%) महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए हैं।
लोन तक बेहतर पहुंच समाज के विभिन्न वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रभावित करती है। पीएमएमवाई को आय सृजन गतिविधियों के लिए लघु/सूक्ष्म उद्यमों को आसानी से लोन प्रदान करने के लिए 8 अप्रैल 2015 को मुद्रा योजना लॉन्च किया गया था। ग्रीन फील्ड उद्यमों की स्थापना के लिए लोन प्रदान करके महिलाओं और एससी/एसटी के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5 अप्रैल 2016 को SUPI योजना शुरू की गई थी। महिलाओं का उत्थान इन योजनाओं का प्रमुख लक्ष्य रहा है।
बजट की बड़ी बातें
- एजुकेशन लोन पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ”सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।”
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”इस साल कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये है।”