Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश कर दिया है। इस बजट को लेकर ना बहुत ज्यादा उत्साह देखने को मिला है और ना ही कोई बहुत ज्यादा किसी को निराशा हुई है। जानकार इसे एक ऐसा छप्पन भोग वाला बजट मानकर चल रहे हैं जहां पर काफी कुछ ऐलान करने का प्रयास हुआ है। बस फर्क इतना है कि किसी को ज्यादा मिला है तो किसी को कम से भी संतुष्ट होना पड़ा है। लेकिन यह जरूर है कि मोदी सरकार ने फिर GYAN थ्योरी पर जोर दिया है- गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी।
बजट में गरीबों को क्या मिला?
सरकार ने अपने इस बजट में गरीब तबके पर खास ध्यान दिया है। इसी वजह से पूर्वोदय योजना शुरू करने का ऐलान हुआ है। इस योजना के तहत बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल का संंपूर्ण विकास किया जाएगा। इस लिस्ट में आंध्र प्रदेश को भी शामिल किया गया है। मानव संसाधनों को डेवलप करने से लेकर आर्थिक सेहत को सुधारने तक, इन राज्यों के लिए केंद्र खास योजना बनाएगा। अब इन्हीं राज्यों में क्योंकि गरीबी भी सबसे ज्यादा है, ऐसे में उन्हें सीधा फायदा होने जा रहा है।
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मोदी सरकार के दस साल पूरे होने के बाद भी सभी गरीबों को पक्का मकान नहीं मिल पाया है, ऐसे में आवास योजना के तहत तीन करोड़ और घर बनाने का ऐलान बजट में कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि 10 लाख करोड़ रपये खर्च कर एक करोड़ घर बनाए जाएंगे। इसके ऊपर पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता भी दी जाएगी। इसके ऊपर अगले पांच साल भी गरीबों को मुफ्त पांच किलो राशन सरकार की तरफ से दिया जाएगा। इससे पहले भी इस योजना की डेडलाइन को कई बार बढ़ाया जा चुका है।
बजट में युवाओं को क्या मिला?
केंद्र सरकार ने बजट 2024-25 में युवाओं पर खास ध्यान दिया है। बजट में इस बार सरकार की ओर से युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण पहल और योजनाएं शामिल की गई हैं। बजट में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास की योजनाओं की घोषणा की गई है। 5 साल में 2 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय आवंटन किया गया है। इसके ऊपर पिछले कई सालों से सरकार क्योंकि स्किल इंडिया पर इतना जोर दे रही है, बजट में भी उसकी छाप दिख गई है।
स्किल डेवलपमेंट के लिए एक नई योजना के तहत 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और ये राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से संचालित होगा। बड़ी बात यह है कि वित्त मंत्री ने युवाओं को ट्रेनिंग देने पर भी जोर दिया है। इस साल के बजट में 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप देने का ऐलान किया गया है जिसमें 500 शीर्ष कंपनियां शामिल होंगी। इस दौरान युवाओं को 5 हजार प्रति माह का भत्ता भी दिया जाएगा।
पहली बार नौकरी करने वालों के लिए भी सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। जिनकी पहली बार नौकरी लगेगी यानी नए कर्मचारियों के लिए नए बजट के तहत एक महीने के वेतन की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना लागू करने की घोषणा की गई है और इसका लाभ 210 लाख युवाओं को होगा। केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में ऐलान किया है कि निर्माण क्षेत्र में नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन योजनाएं लागू की जाएंगी। इस योजना के तहत 30 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी।
बजट में किसानों के लिए क्या?
अब सरकार से उम्मीद तो की जा रही थी कि किसान निधि की राशि को बढ़ा दिया जाएगा, लेकिन केंद्र ने उसमें कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है। इसके बजाय सरकार का फोकस पैदावार बढ़ाने पर है। इसी वजह से बजट में नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले दो साल में देशभर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सब्जी उत्पादन एवं आपूर्ति शृंखला के लिए अधिक FPO का गठन किया जाएगा। कृषि भूमि एवं किसानों का रिकॉर्ड डिजिटल करने पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा राज्यों के साथ साझेदारी में केंद्र कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा, जबकि पांच राज्यों में जनसमर्थन आधारित ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ पेश किया जाएगा। इसके ऊपर सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के वित्तपोषण और उसे जल्द पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिसे आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा माना जाता है।
बजट में नारी शक्ति को क्या मिला?
पिछले कई बजट की तरह इस बार भी सरकार ने महिलाओं को खास तवज्जो देने का काम किया है। केंद्र सरकार ने बजट में महिलाओं का कार्यबल बढ़ाने में फोकस किया है। बजट में कार्यशील महिलाओं के लिए हॉस्टल और क्रेच की व्यवस्था का ऐलान किया गया है। इसके अलावा 20 लाख युवतियों को कौशलयुक्त करने का लक्ष्य भी सरकार ने इस बजट के जरिए रख दिया है। वही अगर महिलाओं के नाम पर प्रॉपरी खरीदी जाएगी तो स्टैम्प ड्यूटी में भी राहत देने का ऐलान हुआ है।
बजट में मिडिल क्लास को क्या?
अब ज्ञान वर्ग के अलावा मिडिल क्लास को भी कुछ राहत देने का काम हुआ है। नई टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है। पुरानी टैक्स रिजम में कोई बदलाव नहीं हुआ है यानी कि सरकार चाहती है कि बाकी बचे 30 फीसदी करदाता भी नई टैक्स रिजीम के अंदर आ जाएं। सरकार ने बड़ा ऐलान यह भी किया है कि मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है। 100 शहरों में औद्योगिक पार्क बनाने की भी तैयारी है।