केंद्र सरकार (Union Government) नए इनकम टैक्स व्यवस्था पर विचार कर रही है। इसके तहत लोअर मिडल क्लास को कुछ रियायत मिल सकती है। सरकार वर्तमान टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए नए टैक्स स्लैब (New Tax Slab) ला सकती है। हालांकि इस कदम पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा लिया जाना है। 1 फरवरी को आम बजट पेश (Budget 2023-24) होगा, जो मोदी सरकार 2.0 का आखरी पूर्ण बजट होगा।
रिपोर्ट में क्या है दावा, जानिए
नागरिकों के लिए इनकम टैक्स दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के इरादे से बजट 2020 में सरकार द्वारा वैकल्पिक आयकर व्यवस्था पेश की गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी सूत्र ने कहा, “नई आयकर व्यवस्था में छूट और टैक्स कटौती की अनुमति देना इसे और जटिल बना देगा और योजना शुरू करते समय यह इरादा नहीं था।”
वर्तमान में नागरिकों के पास या तो पुरानी आयकर व्यवस्था या नई व्यवस्था को चुनने का विकल्प है। हालांकि यह देखने के लिए कोई डेटाबेस नहीं है कि कितने लोगों ने नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुना है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने बताया कि 10 लाख रुपये से अधिक कमाने वाले लोगों में शायद ही कोई नई व्यवस्था को चुनने वाला है।
नई टैक्स व्यवस्था से नहीं मिली राहत
हालांकि नई टैक्स व्यवस्था ने कम कागजी कार्रवाई के साथ टैक्स दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है लेकिन अधिकांश लोग इसे टैक्स राहत के रूप में नहीं देखते हैं। यही कारण हो सकता है कि सरकार वैकल्पिक टैक्स व्यवस्था को और युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर सकती है।
आगामी बजट से पहले करदाताओं की कुछ मांगों में नई व्यवस्था के तहत कर की कम दरें, आयकर स्लैब में संशोधन और बुनियादी छूट की सीमा में वृद्धि शामिल हैं।
Middle Class का जीवन हमने बनाया आसान
बता दें कि कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि सरकार ने मीडिल क्लास की जेब में पैसा नहीं डाला लेकिन उन्हें मेट्रो और स्मार्ट शहर दिए जिससे उनका जीवन आसान हो गया। निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इस बारे में पड़ने का कोई मतलब नहीं की फ्रीबीज क्या है और क्या नहीं। मुख्य मुद्दा यह है कि यदि आपके पास पैसा है, तो वादे करें और जो आप चाहते हैं उसे दें और अंत में भुगतान करें।