देश का आम बजट पेश हो चुका है। बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में सरकार का व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है।

वहीं, सरकार की योजना करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की है। ये रकम उतनी ही है जितनी अभी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटल है। आपको बता दें कि सोमवार को बीएसई इंडेक्स पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटल 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था। वहीं, शेयर भाव में भी 3 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अब कंपनी का शेयर भाव 1900 रुपये के स्तर पर है।

कहां से आएगा पैसा, कहां जाएगा पैसा: सरकार अगले वित्त वर्ष के लिये पेश बजट के तहत सर्वाधिक 36 प्रतिशत धन कर्ज और अन्य देयताओं के माध्यम से जुटायेगी, जबकि सर्वाधिक 20 प्रतिशत खर्च ब्याज भरने में होगा। सोमवार को पेश बजट दस्तावेज में इसकी जानकारी दी गयी। केंद्रीय बजट 2021-22 के सार में बताया गया कि सरकार को होने वाली प्राप्तियों को एक रुपया माना जाये, तो इसमें सर्वाधिक 36 पैसे उधार व अन्य देयताओं से आयेंगे।

बजट में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से 15 पैसे, आयकर से 14 पैसे, निगम कर से 13 पैसे, केंद्रीय उत्पाद शुल्क से आठ पैसे और सीमा शुल्क से तीन पैसे मिलेंगे। सरकार को कर से इतर स्रोतों से छह पैसे तथा कर्ज के अतिरिक्त पूंजीगत प्राप्तियों से पांच पैसे प्राप्त होंगे। इसी तरह बजट में प्रस्तावित कुल व्यय को एक रुपया माना जाये तो सबसे अधिक 20 पैसे ब्याज भरने पर खर्च होंगे।

इसके अलावा केंद्र सरकार राज्यों को करों व शुल्कों में उनका हिस्सा प्रदान करने पर 16 पैसे खर्च करेगी। केंद्रीय योजनाओं पर 13 पैसे खर्च किये जायेंगे। इसी तरह वित्त आयोग व अन्य हस्तांतरण के ऊपर सरकार को 10 पैसे का खर्च आयेगा।

सरकार सब्सिडी प्रदान करने में नौ पैसे, केंद्र सरकार से वित्तपोषित योजनाओं पर नौ पैसे, रक्षा क्षेत्र पर आठ पैसे और पेंशन देने में पांच पैसे खर्च करेगी। बजट के प्रत्येक एक रुपये का 10 पैसा अन्य मदों पर खर्च होगा।