Budget 2020 and Economic Survey updates: केंद्र की मोदी सरकार का मानना है कि देश में आम आदमी के लिए खाना सस्ता हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वे में ‘थालीनॉमिक्स’ शीर्षक से प्रकाशित एक चैप्टर में यह दावा किया गया है। सर्वे पेश करते हुए खुद वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 2006-2007 की तुलना में 2019-20 में शाहाकारी भोजन की थाली 29 प्रतिशत और मांसाहारी भोजन की थाली 18 प्रतिशत सस्ती हुई हैं।
सर्वे के मुताबिक संपूर्ण भारत के साथ-साथ इसके चारों क्षेत्रों- उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में यह पाया गया कि शाकाहारी भोजन की थाली की कीमतों में 2015-16 से काफी कमी आई है। हालांकि, 2019 में इनकी कीमतों में तेजी रही। ऐसा सब्जियों और दालों की कीमतों में पिछले वर्ष की तेजी के रूझान के मुकाबले गिरावट के कारण हुआ है।
इसके चलते 5 सदस्यों वाले एक औसत परिवार को जिसमें प्रति व्यक्ति रोजना न्यूनतम दो पौष्टिक थालियों से भोजन करने हेतु प्रतिवर्ष औसतन 10887 रुपये जबकि मांसाहारी भोजन वाली थाली के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष औसतन 11787 रूपये का लाभ हुआ है।
सर्वे के अनुसार 2015-16 में थाली की कीमतों में बड़ा बदलाव आया। ऐसा 2015-16 में थालीनॉमिक्स यानी भोजन की थाली के अर्थशास्त्र में बड़े बदलाव के कारण संभव हुआ। सरकार की ओर से 2014-15 में कृषि क्षेत्र की उत्पादकता तथा कृषि बाजार की कुशलता बढ़ाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए। इसके तहत अधिक पारदर्शी तरीके से कीमतों का निर्धारण किया गया। जीरो हंगर की पॉलिसी पर चलते हुए भारत ने यह लक्ष्य हासिल किया है।