Union Budget 2019-20 India Date and Time: मोदी सरकार की ओर से 1 फरवरी को सुबह तकरीबन 11 बजे पहले कार्यकाल का अंतिम आम बजट पेश किया जाएगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट को वोट ऑन अकाउंट (लेखानुदान) या अंतरिम बजट के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि यह पूर्ण बजट नहीं होगा। चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद पूर्ण आम बजट पेश किया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि वोट ऑन अकाउंट या अंतरिम बजट क्‍या है? दरअसल, अंतरिम बजट के जरिये मौजूदा सरकार नई सरकार के गठन तक नए वित्‍त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के पहले चार महीनों में खर्च के लिए धन मुहैया कराने के लिए संसद से स्‍वीकृति मांगती है। इसके तहत वेतन का भुगतान और विभिन्‍न योजनाओं या परियोजनाओं को वित्‍तीय रूप से सुचारू रखा जाता है। यहां यह गौरतलब है कि अंतरिम बजट या लेखानुदान मांग को मौजूदा कर ढांचे में बदलाव के बिना ही संसद द्वारा स्‍वीकार किया जाता है।

अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट की जरूरत क्‍यों (?): सवाल उठता है कि जब कुछ महीनों के अंदर लोकसभा चुनाव होने हैं तो ऐसे में अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट पेश करने की क्‍या जरूरत है? दरअसल, कुछ सरकारी खर्च ऐसे होते हैं, जिन्‍हें किसी भी परिस्थिति में रोका नहीं जा सकता है। वोट ऑन अकाउंट के पक्ष में दलील दी जाती है कि विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों को दिए जाने वाले अनुदान और कर प्रणाली में बदलाव से जुड़े प्रावधानों पर अपेक्षाकृत बेहद कम समय में पूरी बहस संभव नहीं है। साथ ही पूरे वित्‍त वर्ष के लिए नए सिरे से वित्‍तीय लेखाजोखा तैयार करने की जिम्‍मेदारी नई सरकार को देने की कोशिश होती है। बता दें कि वर्ष 1948 में वित्‍त मंत्री आरके. षणमुखम शेट्टी ने देश का पहला वोट ऑन अकाउंट पेश किया था। इसके बाद स्‍वतंत्र भारत का पहला पूर्ण बजट पेश किया गया था।

चुनावी साल में नई सरकार पेश करती है पूर्ण बजट: पहले ऐसी खबरें सामने आई थीं कि मोदी सरकार पूर्व से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए चुनावी साल में अंतरिम बजट के बजाय पूर्ण बजट पेश करेगी। हालांकि, अब अंतरिम बजट पेश करने की ही बात कही गई है। चुनावी साल में मौजूदा सरकार की ओर से अंतरिम बजट पेश किया जाता है, ताकि चुनाव बाद नई सरकार सत्‍ता में आने के बाद आर्थिक हालात के मद्देनजर पूरे वित्‍त वर्ष के लिए नए सिरे से बजट पेश कर सके। बता दें कि पूर्व की कुछ सरकारें अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट में भी कर ढांचे में बदलाव किए हैं। मोदी सरकार की ओर से भी अंतरिम बजट में कर के मौजूदा स्‍वरूप में बदलाव के संकेत दिए गए हैं। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में कई घोषणाएं देखने को मिल सकती हैं।