ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार (2 सितंबर) को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी भी शामिल होंगे। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार जनजीवन बाधित करने का प्रयास करने वाले ‘शरारती तत्वों’ के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी। भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों का मानना है कि अगर हड़ताल होती है, उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है।
बैंक कर्मचारी भी जाएंगे हड़ताल पर:
बैंकों में शुक्रवार (2 सितंबर) को कामकाज प्रभावित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की शुक्रवार की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। कई बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है। ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक इंप्लॉयज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) जैसे संगठनों ने नोटिस दिए हैं। नोटिस में दो सितंबर में एक दिन की हड़ताल में जाने की बात कही गई है।
ट्रेड यूनियनों को ममता की चेतावनी:
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा दो सितंबर को बुलायी गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (1 सितंबर) को कहा कि उनकी सरकार जनजीवन बाधित करने का प्रयास करने वाले ‘शरारती तत्वों’ के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी और दुकानों और वाहनों को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई करेगी। बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘बंगाल में दो सितंबर, 2016 को बंद नहीं रहेगा। दो सिंतबर को सभी शिक्षण संस्थान, दुकानें, संस्थाएं, कार्यालय और कारखाने खुले रहेंगे। वाहन सामान्य तरीके से चलेंगे और सार्वजनिक परिवहन बाधित नहीं रहेगा। आम जनजीवन को बाधित करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।’

