केंद्र सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) योजना के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए हैं। इनमें से 1 लाख करोड़ रुपये की रकम कर्जधारकों के खातों में ट्रांसफर भी की जा चुकी है। इस योजना के अंतर्गत लोन में केंद्र सरकार की ओर से 100 फीसदी गारंटी का प्रावधान है। वित्त मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 18 अगस्त तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 1.5 लाख करोड़ से अधिक के लोन स्वीकृत किए हैं, जबकि एक लाख करोड़ से अधिक लोन वितरित किए जा चुके हैं। इस पैकेज की घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई थी, जिसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई को लोन देने का प्रावधान था।

इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने 76,044.44 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दी है, जिसमें से 56,483.41 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने 74,715.02 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए हैं, जिसमें से 45,762.36 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। योजना के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक लिमिटेड जैसे बैंर बड़े लोन वितरक हैं।

इस स्कीम के तहत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को 3 लाख करोड़ रुपये देने का लक्ष्य तय किया है। बता दें कि 23 मई को लॉन्च की गई इस स्कीम के तहत कर्जधारकों की ओर से 31 अक्टूबर तक लोन के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। हालांकि 3 लाख करोड़ रुपये का टारगेट पूरा होने पर इस स्कीम के तहत लोन के लिए आवेदन नहीं किए जा सकते। बता दें कि कोरोना संकट के चलते सुस्त हुई अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने 20.97 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है। यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी किया गया है।