S&P ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने बुधवार को कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र में संक्रामक छूत जैसी परिस्थिति पैदा हो गई हैं, जैसे ही कोई बड़ी फाइनैंस कंपनी विफल हो रही है, इसका प्रतिकूल प्रभाव आर्थिक विकास पर देखने को मिल रहा है। अपनी रिपोर्ट ‘Indian Financial Braces for Fat Contagion Tail Risk’ में S&P ने कहा कि एक बैंक कि विफलता इंटर-बैंक मार्केट, पेमेंट, क्रेडिट उपलब्धता और आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल देता है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स क्रेडिट एनालिस्ट गीता चुग ने कहा, ” भारत की फाइनैंस कंपनिया देश के सबसे बड़े कर्जदारों में से हैं। इनकी फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा बैंकों से आता है। किसी भी बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की विफलता कर्जदाताओं को झटका दे सकती है।”

S&P की चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब बैंक हाउसिंग फाइनैंस दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के लिए एक रिजॉल्यूशन प्लान पेश करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो रिपेमेंट करने में चूक गया है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक शीर्ष 50 गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों की निगरानी कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिछले वर्षों में डीएचएफएल समेत कंपनियां क्यों असफल रहीं। इसके अलावा एक बड़ी वित्त कंपनी की विफलता के अन्य परिणाम भी हो सकते हैं।

S&P की रिपोर्ट में कहा गया है, “जोखिम से भरे डर का प्रभाव रियल एस्टेट कंपनियों में है। फाइनैंस कंपनियां इस सेगमेंट की सबसे बड़ी कर्जदाता हैं और ऐसे संस्थानों में कोई भी विफलता डेवलपर्स के लिए क्रेडिट प्रवाह को खतरे में डाल सकती है।” गौरतलब है कि ऐसी स्थिति में ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने सरकार द्वारा बैंकों को मदद मुहैया कराने की अपेक्षा की है। एजेंसी का कहना है कि वर्तमान में बाजार में एक बैंक कि विफलता का जोखिम बढ़ सकता है और इसका असर अर्थव्यवस्था के दूसरे मानकों पर भी पड़ सकता है।

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