लक्ष्मी विलास बैंक पर आठ अरब रुपए के घपले का शक जताया गया है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने शुक्रवार को बैंक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट (आरएफएल) ने बैंक पर धोखाड़ी के आरोप लगाए हैं। बैंक ने आरएफएल की शिकायत के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की है। शिकायत के मुताबिक आरएफएल ने बैंक पर 7.9 बिलियन रूपए (790 करोड़ रुपए) के गबन का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि ‘इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि आरएफएल के फंड की योजनाबद्ध तरीके से हेराफेरी की गई है और इसके केंद्र में लक्ष्मी विलास बैंक है।’
जानकारी के मुताबिक रेलिगेयर फिनवेस्ट ने लक्ष्मी विलास बैंक में 790 करोड़ रुपए की एफडी करवाई थी और इस रमक पर ही कथित हेराफेरी की गई है। वहीं पुलिस ने बैंक के डायरेक्टर्स के खिलाफ विश्वासघात, धोखाधड़ी, हेराफेरी और साजिश रचने का केस दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि बैंक के कितने डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को व्यापक तौर पर आगे बढ़ाएगी।
बता दें कि रेलिगेयर फिनवेस्ट ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भी यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि बैंक के इस कदम से उनकी वित्तीय हालात बुरे दौर से गुजर रहे हैं। कंपनी की बैलेंस शीट पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इन आरोपों के बाद बैंक के शेयर्स पर बुरा प्रभाव पड़ा है। बैंक के शेयर शुक्रवार को पांच फीसदी तक गिर गए।
लक्ष्मी विलास बैंक ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए रेलिगेयर फिनवेस्ट पर ही आरोप लगाए हैं। बैंक ने कहा है कि वह जांच एजेंसियों और नियामक अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। आरएफएल जनता को गुमराह कर रही है हमारे खिलाफ साजिश रच रही है। आरएफएल अपने स्वयं के प्रवर्तकों, कर्मचारियों, समूह की कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को छिपाने के लिए सभी को गुमराह कर रही है।’