रोजगार के मामले में निराश कर देने वाली खबर यह है कि पिछले साल की तुलना में भर्ती में 7 प्रतिशत गिरावट आई है। लेकिन कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां उम्मीद अभी बाकि है। भर्ती में गिरावट की एक अहम वजह आर्थिक मंदी को बताया जा रहा है। जिसके रहते कंपनियां काफी सतर्क दिखाई दे रही हैं और हायरिंग रुकी हुई है। फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर APAC और ME) ने फाउंडिट इनसाइट्स ट्रैकर (fIT) जारी किया है।  जो मासिक हायरिंग ट्रेंड्स पेश करता है। 

इसकी लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में भर्ती में 7 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि सामान्य गिरावट के बावजूद अहमदाबाद और जयपुर जैसे शहरों में स्थिति बेहतर है। 

रिपोर्ट में दावा, हायरिंग घट रही है 

ट्रैकर ने संकेत दिया कि 4 प्रतिशत महीने-दर-महीने (MoM) गिरावट के साथ सभी उद्योगों में हायरिंग गतिविधि घट रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गिरावट के लिए आर्थिक मंदी जैसे कई कारणों  को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसने कंपनियों को खर्च में कटौती करने के लिए मजबूर किया है। 

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है तकनीकी फेरबदल के रहते भी उद्योगों में बदलाव आ रहा है और नौकरी कम हो रही हैं। जिससे सामान्य रूप से काम पर रखने का ट्रेंड खत्म होता जा रहा है। 

इस पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा गया कि मौजूदा भर्ती प्रक्रिया भारत के बाजार के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है। हालांकि इन चुनौतियों के बीच विकास के क्षेत्र हैं जो नौकरी चाहने वालों के लिए अवसर प्रदान करते हैं। 

 हाल-फिलहाल यह माहौल चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है, नौकरी चाहने वालों के लिए इस बदलते श्रम बाजार के अनुकूल होना महत्वपूर्ण है।  फाउंडिट इनसाइट्स ट्रैकर (एफआईटी) भर्ती प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन जॉब पोस्टिंग गतिविधि के मासिक विश्लेषण पर आधारित है। इस दौरान विभिन्न शहरों में से एक अहमदाबाद में भर्ती में 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि जयपुर ने भी 1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दिखाई दी है।