How to use Credit Card: आमतौर पर हम हर वक्त कैश की चिंता से बचने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड लेते हैं। क्रेडिट कार्ड के कई फायदे हैं, लेकिन यदि सावधानी से इस्तेमाल न किया जाए तो इससे आर्थिक संकट में फंसने का खतरा होता है और भविष्य में बैंक से किसी लोन आदि लेने के लिए क्रेडिट भी खराब होती है। बेहतर क्रेडिट स्कोर बनाए रखने और आर्थिक संकट से बचने के लिए इसके इस्तेमाल में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में हमें किन गलतियों से बचने की जरूरत है…
किसी को भी न बताएं डिटेल: कई बार फ्रॉड करने वाले बैंक का प्रतिनिधि बनकर कॉल करते हैं। ऐसे लोगों को किसी भी कीमत अपने कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर या अन्य कोई भी चीज न बताएं। यही नहीं पेट्रोल पंप समेत तमाम जगहों पर किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड देते समय पूरी नजर रखें। ऐसा करना रिस्की हो सकता है क्योंकि आपके क्रेडिट कार्ड से छेड़छाड़ की आशंका रहती है।
पेमेंट में न चूकें: बैंक ऐसे ग्राहकों को बिलकुल पसंद नहीं करते, जो समय पर पेमेंट नहीं करते। अकसर मेसेज और ईमेल के जरिए बैंकों की ओर से पेमेंट की तारीख याद दिलाई जाती है। पेमेंट मिस करने पर बकाया रकम पर ब्याज भी बढ़ जाता है और पेनल्टी भी लगी है। इसके अलावा बड़ा नुकसान यह होता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है।
सिर्फ मिनिमम पेमेंट न करें: यदि आपने क्रेडिट कार्ड का बिल बहुत ज्यादा बढ़ा लिया है और सिर्फ मिनिमम पेमेंट ही कर रहे हैं तो यह बेहद खतरनाक है। इसकी वजह यह है कि आपकी बकाया राशि पर बैंक 2 से 4 पर्सेंट का ब्याज लेते हैं, जो 24 से 48 पर्सेंट सालाना होता है। यही नहीं किसी भी नई शॉपिंग एक दिन के लिए भी ब्याज मुक्त नहीं रहती, वह राशि भी बकाये में जुड़ जाती है।
कैश बेहद मजबूरी में ही निकालें: क्रेडिट कार्ड पर कैश निकालने की भी सुविधा होती है, जो कुल लिमिट के 10 से 20 फीसदी के बराबर होती है। यदि कोई इमरजेंसी न हो तो आपको क्रेडिट कार्ड से कैश नहीं निकालना चाहिए। यदि आप कैश निकालते हैं तो कुल रकम का ढाई फीसदी हिस्सा ब्याज के तौर पर देना होता है। उस पर भी यदि सही समय पर पेमेंट नहीं की तो फिर एडिशनल ब्याज लगता है।
फुल लिमिट का न करें यूज: अपने क्रेडिट कार्ड की ज्यादा से ज्यादा लिमिट का इस्तेमाल करना रिस्की है। इससे आपके डिफॉल्ट करने का रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और बैंक यह मानता है कि आपको बहुत ज्यादा जरूरत है, जो अच्छी बात नहीं है।