‘मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच में ‘असामान्य’ देरी पर चिंता जताते हुए केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने प्रवर्तन निदेशालय को शनिवार को जांच में यथासंभव तेजी लाने और अपराध सिद्धि का अनुपात सुधारने का प्रयास करने को कहा।

प्रवर्तन दिवस पर यहां आयोजित एक समारोह में अधिया ने कहा, ‘काफी समय से मैं देख रहा हूं कि जांच पूरी करने में असामान्य विलंब होता है। हमें इस मामले में कुछ करना होगा। बहुत से मामलों में अभी जांच पूरी नहीं हो सकी है। मामलों की जांच कहीं न कहीं तो खत्म करनी ही होगी।’

अधिया ने कहा कि कुछ मामलों में तो जांच सात साल, आठ-आठ साल से चल रही है। बहुत समय तक बहुत से मामलों की जांच खुली छोड़ना ठीक बात नहीं है। जहां तक संभव हो सके, हमें जांच जल्द से जल्द पूरी करनी चाहिए।’ उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जांच के बाद दाखिल ऐसे मामलों का अनुपात अभी बहुत ही कम है जहां दोषियों पर अपराध सिद्ध हो। उन्होंने इस संदर्भ में जांच कार्य की निपुणता बढ़ाने पर बल दिया।

राजस्व सचिव ने कहा, ‘जांच के बाद अभियोग तो दायर हो जाते हैं पर वास्तविक अपराध-सिद्धि का स्तर बहुत ही निम्न है।’ उन्होंने कहा कि न केवल जांच पूरी करना बल्कि, मामले को अभियोजन के स्तर पर ले जा कर यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि दोषियों पर आरोप सिद्ध हो। उन्होंने कहा, ‘आप के पूरे प्रयास का नतीजा अपराध सिद्ध होने से जुड़ा है।

मैं इस पर बराबर निगाह रखूंगा।’ उन्होंने निदेशालय की समस्याओं का भी उल्लेख किया जिसमें उनके अनुसार एक समस्या स्टाफ की कमी की है। अधिया ने कहा कि यह कमी दूर की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी के कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ते का मुद्दा सरकार ने निपटा दिया है। अब इसके कर्मचारियों को भी सरकार की अन्य जांच एजेंसियों की भांति ही जोखिम भत्ता पाने का हक होगा।