Atmanirbhar Bhrat Yojna:आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मोदी सरकार ने 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन इसके तहत घोषित दो स्कीमों की 40 फीसदी फंडिंग का बोझ राज्य सरकारों पर डाला गया है। प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना और फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रॉसेसिंग इंटरप्राइजेज स्कीम को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। मत्स्य पालन सेक्टर को मजबूती देने के लिए मोदी सरकार ने 20,050 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस राशि में 9,407 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होगी और 4,880 करोड़ रुपये राज्यों की ओर से दिया जाएगा। इसके अलावा 5,763 रुपये की हिस्सेदारी लाभार्थियों की होगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला पार्ट है, सेंट्रल सेक्टर स्कीम (CS) और दूसरी सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम (CSS)। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में 90 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होगी और 10 फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकारों की होगी। इसके अलावा अन्य राज्यों में यह अनुपात 60 और 40 का है। केंद्र सरकार की ओर से 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा और 40 पर्सेंट हिस्सा राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। हालांकि ऐसे केंद्र शासित प्रदेशों में जहां विधानसभा नहीं है, वहां 100 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होगी।
हालांकि सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम के तहत पूरे प्रॉजेक्ट की फंडिंग केंद्र सरकार की ओर से ही की जाएगी। इस स्कीम को 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक चलाया जाना है। इसके अलावा 10,000 कफॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज स्कीम के तहत 60:40 का अनुपात तय किया गया है। इसका अर्थ यह है कि स्कीम के संचालन में 60 फीसदी खर्च केंद्र सरकार की ओर से किया जाना है और बाकी 40 फीसदी हिस्से का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत योडना के तहत इस स्कीम नई स्कीम को घोषित किया गया है, जिसका संचालन 2020-21 से 2024-25 के दौरान किया जाना है।