Reliance Group chairman Anil Ambani: यस बैंक के मनी लॉन्ड्रिग केस में पूछताछ के लिए रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई स्थित दफ्तर पहुंचे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें सोमवार को ही इस मामले में पेश होने के समन जारी किया था, लेकिन उन्होंने गुरुवार को पेश होने की बात कही थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें नया नोटिस जारी किया था। रिलायंस ग्रुप पर यस बैंक का 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है। यस बैंक पर आरबीआई के नियंत्रण के बाद रिलायंस ग्रुप को दिए गए लोन पर सवाल उठे थे। इस पर अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप ने कहा था कि हमारे पास यस बैंक का लोन पूरी तरह सुरक्षित है और संपत्ति बेचकर भी हम लोन को चुकाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी से ईडी के अफसर यह पूछताछ कर सकते हैं कि आखिर यस बैंक से उनकी कंपनी को लोन किस तरह से दिए गए। इसमें पूरी प्रक्रिया और नियमों का पालन किया गया या नहीं। अनिल अंबानी के अलावा ईडी ने इंडियाबुल्स के चेयरमैन समीर गहलोत और डीएचएफएल के मुखिया कपिल वाधवन को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। हालांकि दोनों ने ही कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए हाजिर होने से इनकार किया है।

रिलायंस ग्रुप ने कहा था, संपत्ति बेचकर भी चुकाएंगे कर्ज: अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कई कंपनियों पर यस बैंक का 12,600 करोड़ रुपये तक का कर्ज बाकी है। मीडिया रिपोर्ट्स में इसका जिक्र होने के बाद ग्रुप की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि यस बैंक से लिया गया लोन पूरी तरह से सेफ है और हम अपनी संपत्तियों को बेचकर भी यह कर्ज चुकाएंगे।

निर्मला सीतारमण ने भी लिया था नाम: बता दें कि खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि यस बैंक के संकट में घिरने की वजह बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट लोन का फंसना है। उन्होंने जिन कारोबारियों की कंपनियों के नाम लिए थे, उनमें अनिल अंबानी और एस्सल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और डीएचएफएल के कपिल वाधवन का नाम प्रमुख था।