अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले कर्ज में डूबे रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (आरसीएल) को उसकी सब्सिडरी कंपनियों के लिए एसबीआई लाइफ समेत 10 और बोलियां प्राप्त हुई हैं।

आपको बता दें कि हाल ही में रिलायंस की सहयोगी कंपनियों की रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 17 दिसंबर, 2020 कर दी गई थी। इसके बाद रिलायंस कैपिटल की संपत्ति के लिये 10 और बोलियां आई हैं। इससे कुल बोलियों की संख्या 70 पहुंच गई है। खास बात ये है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सब्सिडरी एसबीआई लाइफ ने भी रिलायंस कैपिटल की रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर रुचि दिखाई है।

ज्वाइंट वेंचर कंपनी रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस की चुकता शेयर पूंजी 30 सितंबर, 2020 की स्थिति के अनुसार 1,196 करोड़ रुपये थी। इस ज्वाइंट वेंचर में जापान की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी निप्पन लाइफ की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी पर बकाया कुल कर्ज का 93 प्रतिशत इन इकाइयों का है। कंपनी के ऊपर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

कौन-कौन सी कंपनियों में बेच रही हिस्सेदारी: आरसीएल की सब्सिडरी यूनिट्स रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल लिमिटेड और रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लिमिटेड में पूरी या आंशिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां आमंत्रित की गयी हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज और रिलायंस फाइनेंशिल लि. में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना है।

कंपनी ने रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लि. में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये बोलियां आमंत्रित की है। इसकी इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसे भी बिक्री के लिये रखा गया है। आरसीएल के अलावा कर्ज में डूबे समूह की एक और कंपनी रिलांयस होम फाइनेंस के लिये छह बोलियां आयी हैं। (भाषा से इनपुट)