रिलायंस ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले ग्रुप की कंपनी रिलायंस टेलीकॉम के भारी कर्ज में डूबने के बाद उसके दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब अनिल अंबानी ने म्युचुअल फंड्स के बिजनेस से भी अपने हाथ खींचने का फैसला किया है। दरअसल रिलायंस कैपिटल ने गुरुवार को ऐलान किया कि कंपनी रिलायंस निप्पो लाइफ एसेट मैनेजमेंट (Reliance Nippon Life Asset Manegment (RNAM)) में अपने सभी शेयर बेचेगी। इस डील से रिलायंस कैपिटल को 6000 करोड़ रुपए मिलेंगे। बता दें कि अभी तक रिलायंस कैपिटल और जापान की निप्पो लाइफ इंश्योरेंस के रिलायंस निप्पो लाइफ एसेट मैनेजमेंट कंपनी में प्रत्येक की 42.88% की हिस्सेदारी है। अब रिलायंस ने अपने हिस्से के 42.88 प्रतिशत शेयर बेचने का फैसला किया है।
रिलायंस कैपिटल के अधिकारियों के अनुसार, कंपनी के 42.88% के हिस्से में से 32 प्रतिशत शेयर निप्पो लाइफ इंश्योरेंस खरीदेगी, जबकि बाकी के शेयर अन्य वित्तीय निवेशकों द्वारा खरीदे जाएंगे। इस पूरे सौदे की कीमत करीब 6000 करोड़ रुपए बतायी जा रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा इस रकम का इस्तेमाल अपने कर्जों के भुगतान में किया जाएगा। रिलायंस निप्पो लाइफ एसेट मैनेजमेंट के शेयरों की बात करें तो बीएसई पर गुरुवार को कंपनी के एक शेयर की कीमत 233.75 रुपए रही और शेयरों में गुरुवार को 6.98 प्रतिशत का उछाल आया। बाजार के हिसाब से मौजूदा वक्त में कंपनी की कीमत करीब 14,305.50 करोड़ रुपए है।
उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की प्रमुख कंपनी रिलायंस टेलीकॉम की दिवालिया प्रक्रिया शुरु हो गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) दिवालिया प्रक्रिया को शुरु करने की मंजूरी दे चुका है। एनसीएलटी ने कंपनी के निदेशक मंडल को भंग करके उसके संचालन के लिए पेशेवरों के एक समूह की नियुक्ति कर दी है। अब इस मामले पर 30 मई को सुनवाई होगी। साल 2010 में रिलायंस ग्रुप में रिलायंस टेलीकॉम की 17 फीसदी हिस्सेदारी थी और यह कंपनी ग्रुप की प्रमुख कंपनी मानी जाती थी। इसके बाद कंपनी ने विस्तार के लिए कर्ज लेना शुरु किया। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि कंपनी पर कर्ज बढ़ता चला गया और साल 2019 आते-आते यह 48 हजार करोड़ रुपए हो गया था। यही वजह रही की अनिल अंबानी को कंपनी को दिवालिया घोषित कराना पड़ा।