देश के प्रतिष्ठित कारोबारी घराने रिलायंस से जुड़े अनिल अंबानी पर एक फिर से जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है। एक मामले की सुनवाई करते हुए लंदन के हाई कोर्ट ने रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी को 20 जुलाई तक अपनी संपत्ति, कर्ज, कमाई और खर्च का ब्योरा देने को कहा है। अदालत ने कहा कि यदि 20 जुलाई तक अनिल अंबानी ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी को अपनी संपत्ति का ब्योरा एफिडेविट के जरिए देना होगा। 29 जून को कमर्शियल कोर्ट के जज मास्टर डेविसन की ओर से यह आदेश दिया गया है। अनिल अंबानी को चीनी बैंकों के बकाया 717 मिलियन अमेरिकी डॉलर चुकाने थे। ऐसा न कर पाने के बाद उन्हें लेकर यह आदेश दिया गया है। यह मामला रिलायंस क़ॉम्युनिकेशंस के लिए हासिल किए 900 मिलियन डॉलर के लोन से जुड़ा है। इन कर्जों के लिए अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी ली थी। इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना डिवेलपमेंट बैंक, और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना से 2012 में ये लोन जारी हुए थे।

बैंकों का कहना है कि अनिल अंबानी ने इन कर्जों के लिए पर्सनल गारंटी ली थी, जबकि उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया था। यही नहीं अनिल अंबानी ने कहा कि यह कर्ज उनके निजी लोन से जु़ड़ा हुआ नहीं है। 2008 में दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स के तौर पर शुमार किए जाने वाले अनिल अंबानी ने इसी साल फरवरी में चीनी बैंकों की ओर से दायर मुकदम के दौरान कहा था कि उनकी नेटवर्थ जीरो है।

दिवालिया प्रक्रिया के लिए आरकॉम ने किया है आवेदन: बीते साल ही अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था और उसके बाद से ही भारत में भारतीय बैंक और लंदन में चीनी बैंकों ने कर्ज की वसूली को लेकर उनके खिलाफ केस कर रखा है।