बिग बुल (Big Bull) के नाम से मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) की आकासा एयर (Akasa Air) अगले कुछ महीने में उड़ान भरने के लिए तैयार है। यह अल्ट्रा लो कॉस्ट सर्विस (Ultra Low Cost Service) होगी, जिससे उड़ानों की टिकट के दाम और कम हो जाएंगे। आकासा एयर को इसके लिए सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है।

यह कहना है आकासा एयर के सीईओ का

एसएनवी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आकासा एयर ब्रांड नाम से विमानन क्षेत्र में उतर रही है। अभी आकासा एयर के बिजनेस मॉडल की अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि कंपनी के सीईओ विनय दुबे (Vinay Dubey) ने हाल ही में बताया था कि आकासा एयर देश की सबसे डिपेंडेबल, अफोर्डेबल और ग्रीनेस्ट एयरलाइन बनना चाहती है। इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि यह कंपनी अल्ट्रा लो कॉस्ट कैटेगरी में रहेगी।

लो कॉस्ट कैरियर में नहीं मिलती हैं गैर-जरूरी सर्विस

अभी तक आपने लो कॉस्ट कैरियर (Low Cost Service) और फुल सर्विस (Full Service) का नाम सुना होगा। फुल सर्विस में एयरलाइन आपको सिर्फ सीट न देकर सारी सुविधाएं दी जाती है। इसमें चाय-नाश्ता, भोजन-पानी से लेकर मनोरंजन तक शामिल होता है। लो कॉस्ट कैरियर एक नो फ्रिल्स एयरलाइंस (No Frills Airlines) होती है। इसमें यात्रियों को केवल जरूरी सुविधाएं ही दी जाती हैं। इनमें इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट, भोजन और बिजनेस क्लास सीटिंग जैसी गैर-जरूरी सुविधाओं पर खर्चा नहीं किया जाता है। इसकी वजह से यात्रा सस्ती होती है।

अल्ट्रा लो कॉस्ट में हर सर्विस के लिए अलग से लगते हैं पैसे

अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर में टिकट और सस्ता हो जाता है, लेकिन सुविधाओं के लिए अलग से भुगतान करना पड़ता है। अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर में एक-एक इंच जगह की अहमियत होती है। लगेज बिन्स, फोल्डेबल सीट, बैक ट्रेज, पेपर कप, फूड पैकेजिंग हर जगह विज्ञापन होता है। यूरोप के कई देशों में अल्ट्रा लो कॉस्ट कैटेगरी की उड़ानों के लिए एयरपोर्ट भी अलग होते हैं। इस सर्विस का एकमात्र उद्देश्य यात्रियों को सस्ते में उनके गंतव्य तक पहुंचाना होता है। इसमें बैगेज के लिए भी अलग से भुगतान करना पड़ता है।

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एयर डेक्कन ने की थी भारत में सस्ते हवाई टिकट की शुरुआत

भारत में अभी इंडिगो (Indigo) समेत कई कंपनियां लो कॉस्ट कैटेगरी में काम कर रही हैं। एयरलाइन सेक्टर में इस कैटेगरी की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। यही कारण है कि अब तेजी से कंपनियां इस मॉडल को अपना रही हैं। गोएयर (GoAir) भी गोफर्स्ट (Go First) नाम से अल्ट्रा लो कॉस्ट कैटेगरी में उतरने की तैयारी में है। भारत में इसकी शुरुआत एयर डेक्कन (Air Deccan) के साथ हुई। इसे इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन और बिजनेसमैन जीआर गोपीनाथ (G.R. Gopinath) ने 2003 में शुरू किया था। यह भारत की पहली लो कॉस्ट एयरलाइंस थी। बाद में 2007 में कैप्टन गोपीनाथ ने एयर डेक्कन बेच दी और इसे विजय माल्या ने खरीद ली।