Airtel reports third straight quarterly loss: मोबाइल सेवाओं में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से ही कड़ी चुनौती का सामना कर रहे एयरटेल को लगातार तीसरी तिमाही में बड़ा घाटा उठाना पड़ा है। कंपनी को अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान 1,035 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक 1,050 रुपये के लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज जैसे भुगतानों के चलते भी कंपनी की कमाई में झटका लगा है।

इससे पहले एयरटेल को सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 23,145 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था, जो उसके अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रेम चार्ज चुकाने के चलते कंपनी की बैलेंस शीट में यह बड़ा नुकसान दर्ज किया गया था।

दिसंबर तिमाही में 14 सालों में सबसे ज्यादा नुकसान: इसी तिमाही में 2018 में कंपनी को 86 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक बीते 14 सालों में यह पहला मौका है, जब एयरटेल को दिसंबर तिमाही में इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

घाटे के बाद एयरटेल ने लगाई कीमतों में इजाफे की गुहार: इससे पहले जून तिमाही में एयरटेल को 2,485 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस बीच कंपनी ने अब टेलीकॉम सेवाओं की कीमतों में इजाफे का समर्थन किया है। एयरटेल के इंडिया सीईओ गोपाल विट्ठल ने कहा कि दिसंबर में टैरिफ में इजाफा हुआ था, जो स्वागत योग्य है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कुछ और इजाफे की जरूरत है ताकि इंडस्ट्री में नई तकनीक में निवेश को बढ़ाया जा सके।

यहां जियो के मुकाबले आगे एयरटेल: भले ही दिसंबर तिमाही में एयरटेल को घाटा हुआ है, लेकिन प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू के मामले में कंपनी को 5.3 फीसदी का उछाल मिला है। दिसंबर तिमाही में कंपनी का प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू 135 रुपये रहा है, जबकि जियो 128 रुपये के स्तर पर रहा। इसके अलावा कंपनी का डाटा इस्तेमाल भी जियो के मुकाबले ज्यादा रहा है।