कर्ज के बोझ तली दबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कई सरकारी विभागों को उधार टिकट देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कंपनी की तरफ से जारी आधिकारिक ट्वीट में कहा गया है कि, कंपनी ने उन सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को टिकट जारी करना बंद कर दिया है, जिनपर 10 लाख रुपये से अधिक बकाया है।

खबरों के मुताबिक विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने 268 करोड़ रुपए के टिकट एयर इंडिया से ली है और यह अभी तक चुकाया नहीं गया है। कंपनी द्वारा बनाए गए डिफॉल्टर्स की लिस्ट में सीबीआई, आईबी, ईडी, कस्टम कमिश्नर्स, सेंट्रल लेबर इंस्टिट्यूट, इंडियन ऑडिट बोर्ड, कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स और बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स के नाम शामिल हैं।

बता दें कि सरकार और इसकी एजेंसियों के लिए आधिकारिक दौरे के लिए एयर इंडिया को प्राथमिकता दी जाती है। प्राइवेट कंपनियों के टिकट तभी खरीदे जाते हैं जब वहां जाने के लिए एयर इंडिया की सेव मौजूद ना हो। कंपनी के अधिकारी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कंपनी वसूली में जुटी है और एजेंसियों से बकाया वसूल रही है। कंपनी ने अबतक 50 लाख रुपए वसूल लिए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले खबर आई थी कि इंडिया के पायलटों के बकायों का भुगतान न होने को लेकर चिंता उनकी यूनियन ने अपने सदस्यों को नोटिस के बिना ही कंपनी छोड़ने की अनुमति देने का सरकार से अनुरोध किया है। सरकार इस संयम इस राष्ट्रीय एयरलाइन को किसी चुनिंदा निवेशक के हाथ बेचने की तैयारी में लगी है।

इन हालात में भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने यह चेतावनी भी दी है कि कंपनी को लेकर अनिश्चितताओं के बीच पायलट इसमें काम करने की स्थिति में नहीं हैं।इस यूनियन में लगभग 800 पायलट है जो पतली पेटी वाले विमान उड़ाते हैं। यूनियन ने बकाया के बारे में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक भी पत्र लिखा है।

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