अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना की चल रही जांच के बीच, टाटा समूह के मालिकाना वाली एयरलाइंस ने मंगलवार (22 जुलाई) को जानकारी दी कि उसने अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (Boeing 787 Dreamliner) और बोइंग 737 एयरक्राफ्ट बेड़े में Fuel Control Switch (FCS) के लॉकिंग मेकैनिज्म पर जरूरी एहतियाती निरीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
एयरलाइन ने पुष्टि की कि स्वैच्छिक निरीक्षण के दौरान एफसीएस लॉकिंग मेकैनिज्म के साथ कोई समस्या नहीं पाई गई। 12 जुलाई को शुरू हुई निरीक्षण की यह प्रक्रिया Directorate General of Civil Aviation (DGCA) द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी हुई।
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यह डिवेलपमेंट 14 जुलाई, 2025 को DGCA द्वारा जारी एक व्यापक सुरक्षा निर्देश के हिस्से के रूप में आया है, जिसमें बोइंग विमान का इस्तेमाल करने वाले सभी भारतीय ऑपरेटरों को ग्लोबल एडवाइजरी और हाल की विमानन घटनाओं के बाद इन जांचों को करने की सलाह दी गई है।
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डीजीसीए के निर्देश का अनुपालन
एक बयान में एयर इंडिया ने बताया कि मेनलाइन कैरियर और इसकी किफायती एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस, दोनों ने डीजीसीए के निर्देशों का अनुपालन किया है। आवश्यकतानुसार निरीक्षणों के बारे में विमानन नियामक को जानकारी दी गई।
DGCA का आदेश 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया दुर्घटना की शुरुआती जांच के निष्कर्षों के बाद आया। उस रिपोर्ट से पता चला कि गलती से फ्यूल सप्लाई स्विच के “Run” से “cutoff” और फिर ‘run’ पर वापस आने में बदलाव के कारण इंजनों को ईंधन आपूर्ति काट दी गई थी – जिससे इस तरह की गति को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए लॉकिंग मेकैनिज्म की इंटेग्रिटी के बारे में सवाल खड़े हो गए।
DGCA के मुताबिक, SAIB के साथ मिलकर इंटरनेशनल और डोमेस्टिक कैरियर्स ने पहले ही जांच शुरू कर दी थी। भारतीय एयरलाइंस Indigo, SpiceJet और Air India Group प्रभावित बोइंग मॉडल्स को ऑपरेट करते हैं। DGCA ने सभी एयरलाइंस को निरीक्षण पूरा करने और अपनी रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 21 जुलाई 2025 की डेडलाइन तय की थी।