पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक का संकट सामने आने के बाद एक बार फिर से बैंकों में जमा राशि पर इंश्योरेंस कवर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। मौजूदा समय में बैंकों के किसी कारण से डूबने की स्थिति में लोगों को 1 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिल रहा है।

पीएमसी बैंक घोटाले के बाद जिस तरह अपना जमा नहीं निकलने के बाद लोगों की जान गई है ऐसे में बैंकों में जमा गारंटी की रकम बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है। भारत में जहां लोगों को 1 लाख रुपये तक ही वापस मिलने की गारंटी हैं वहीं रूस में यह रकम 12 लाख और ब्राजील में 42 लाख रुपये है। चीन में प्रत्येक खाते पर गारंटी की राशि 58 लाख रुपये है वहीं ग्रीस में यह गारंटी राशि 80 लाख रुपये है।

खबर है कि सरकार की तरफ से बैंकों में जमा रकम पर गारंटी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। करीब 60 साल पहले भी इसी तरह की चिताओं के बाद संसद ने डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट, 1961 कानून पारित किया था। यह कानून बैंक के दिवालिया होने या डूबने की स्थिति में जमाकर्ताओं को एक निश्चित रकम देने की गारंटी देता है।

साल 1968 में यह रकम 5 हजार रुपये थी। समय-समय पर सरकार की तरफ से इस रकम में बढ़ोतरी होती रही। 1993 में इस रकम को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया था। इसके बाद करीब 26 साल बीतने के बावजूद इस रकम में बढ़ोतरी नहीं की गई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से भी अपनी रिपोर्ट में इस रकम को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया था।

हालांकि, अगर इस बढ़ोतरी को 1993 के एक लाख रुपये की रकम में महंगाई दर से जोड़े तो यह रकम 15 लाख रुपये से अधिक बनती है। ऐसे में 2 लाख रुपये की गारंटी नाकाफी साबित होगी। खबरों के अनुसार सरकार की तरफ से इस गारंटी राशि को बढ़ाकर 2 से 5 लाख रुपये किए जाने पर विचार चल रहा है।

मालूम हो कि पीएमसी खाताधारक संजय गुलाटी की पिछले दिनों हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। पीएमसी बैंक में उनके करीब 90 लाख रुपये जमा था। पीएमसी संकट के कारण वह अपने पैसे नहीं निकाल पा रहे थे। संजय के अलावा एक अन्य खाताधारक फत्तोमल पंजाबी की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह भी पीएमसी बैंक में अपनी जमा राशि को लेकर चिंतित था।