Adani Group Stock Decline: 2023 की शुरुआत से ही अडानी ग्रुप (Adani Group) के स्टॉक एक रोलरकोस्टर राइड की तरह रहे हैं। अब जबकि साल खत्म होने को है तो हम आपको बता रहे हैं कि 2023 में अभी तक अडानी ग्रुप के सभी स्टॉक ने कैसा परफॉर्म किया है। जनवरी 2023 के आखिर में अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को फ्रॉड, स्टॉक प्राइस मैनिपुलेशन और टैक्स हेवन का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। इसके बाद ही गौतम अडानी और उनकी कंपनियों का एक तरह से बुरा वक्त शुरू हुआ और स्टॉक मार्केट में अडानी के शेयर गिरने शुरू हो गये। ये शेयर एक समय इतने टूटे कि इनकी मार्केट वैल्यू 150 बिलियन डॉलर रह गई।

अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के स्टॉक पर इसका असर पड़ा। अडानी-हिंडनबर्ग मामले में कई PIL दाखिल हुईं और इसके बाद अडानी मामले की जांच रेगुलेटर सेबी (SEBI) को सौंपी गई। इन सभी चीजों के चलते पिछले एक साल में ग्रुप के शेयरों में लगभग 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

Adani Group Companies Stock Declines

अडानी पावर (Adani Power)
अडानी ग्रुप स्टॉक की बात करें करें तो पिछले साल Adani Power ने 18.90 फीसदी की ग्रोथ हासिल की। इस ग्रोथ की वजह स्ट्रेटेजिक अधिग्रहण समेत Ardour Investment Holding की खरीदारी में 1.93 प्रतिशत स्टेक और Emerging Market Investment DMCC द्वारा अडानी पावर शेयर के 0.13 प्रतिशत का अधिग्रहण को जाता है। पिछले एक महीने में मिली 22.51 प्रतिशत की ग्रोथ के बावजूद यह स्टॉक लॉन्ग-टर्म रिटर्न के लिए बढ़िया है और 5 साल में यह 599.10 फीसदी तक बढ़ा है।

अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises)
अडानी एंटरप्राइजेज ने पिछले एक महीने में 6.41 फीसदी के निगेटिव रिटर्न के साथ कई चुनौतियों का सामना किया है। बात करें एक साल की तो इसमें 46.44 फीसदी की बड़ी गिरावट हुई है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस की बात करें तो अडानी एंटरप्राइजेज ने 3 साल में 683.83 प्रतिशत और 5 साल में 1209.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

अडानी पोर्ट्स एंड SEZ (Adani Ports & SEZ)
अडानी पोर्ट एंड सेज़ ने एक महीने में 3 प्रतिशत का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। पिछले छह महीने भी इस स्टॉक के लिए पॉजिटिव रहे और 8.22 प्रतिशत का रिटर्न दिया। खास बात है कि लॉन्ग-टर्म में 3 साल में इस स्टॉक ने 128.2 प्रतिशत और 5 साल में 115.97 प्रतिशत रिटर्न दिया है। जो पोर्ट ऑपरेशन और लॉजिस्टिक में ग्रोथ को दिखाता है।

अडानी विल्मर (Adani Wilmar)
अडानी विल्मर स्टॉक को पिछले कुछ वक्त में काफी चुनौतियां देखने को मिली और एक महीने में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। जबकि पिछले 6 महीने के दौरान यह स्टॉक 29.69 प्रतिशत तक गिर गया। एक साल में यह स्टॉक 51.03 प्रतिशत गिरा। अडानी विल्मर स्टॉक का 3 और 5 साल की परफॉर्मेंस का डेटा उपलब्ध नहीं है।

अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy)
अडानी ग्रीन एनर्जी ने पिछले एक महीने में 6.56 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। और पिछले एक साल में यह स्टॉक 56.4 प्रतिशत कम हुआ है। लेकिन 5 साल का रिटर्न देखें तो लॉन्ग-टर्म में यह 18.50 प्रतिशत तक रिटर्न देकर गया है जो रिन्यूबल एनर्जी सेक्टर के लिए बढ़िया संकेत है।

अडानी एनर्जी सॉल्यूशन (Adani Energy Solutions)
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने पिछले एक महीने में 1.43 प्रतिशत की गिरावट देखी। पिछले एक साल में यह शेयर 18.99 प्रतिशत गिरा। हालांकि, लॉन्ग टर्म में भी यह स्टॉक 5 साल में 17.8 प्रतिशत का निगेटिव रिटर्न देकर गया।

अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas)
अडानी टोटल गैस का शेयर एक महीने में 7.55 प्रतिशत गिरा है। जबकि पिछले एक साल में इस स्टॉक में 85.57 प्रतिशत की गिरावट हुई है। 5 साल के लॉन्ग-टर्म रिटर्न की बात करें तो यह स्टॉक 47.21 फीसदी का रिटर्न देकर गया। यानी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में निवेशकों के लिए यह एक ब़ढ़िया शेयर हो सकता है।

अडानी ग्रुप पर मार्केट ऐनालिस्ट की राय

अडानी ग्रुप पर मार्केट ऐनालिस्ट ने भी अपनी राय दी है। Wright Research में फंड मैनेजर सोनम श्रीवास्तव का कहना है, ‘अडानी ग्रुप के शेयरों में पिछले एक साल के दौरान करीब 50 प्रतिशत की गिरावट हुई है, इसकी मुख्य वजह जनवरी 2023 में आई Hindenburg Research रिपोर्ट है जिसने ग्रुप पर वित्तीय गड़बड़ी और एसेट ओवरवैल्यूशन का आरोप लगाया। इस रिपोर्ट के आने के बाद मार्केट में उथल-पुथल हुई और निवेशकों का भरोसा डगमगा गया। इसके बाद अडानी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन से जुड़े मामलों की जांच के लिए इंडियन रेगुलेटर्स जैसे SEBI ने जांच की बात कहीं ताकि स्थिति को संभाला जा सके और निगेटिव सेंटिमेंट को खत्म किया जाए।’

सोनम श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि अडानी ग्रुप के लगातार बढ़ते कर्ज ने भी स्टॉक पर असर डाला है क्योंकि निवेशक लगातार गिर रही स्टॉक वैल्यू के बीच कर्ज मैनेज करने की ग्रुप की क्षमता को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में चुनौतियों के बीच अडानी ग्रुप एक बड़ा प्लेयर है जिसने एक बड़ी भूमिका अदा की है। ये सभी मिक्स फैक्टर के चलते अडानी ग्रुप के स्टॉक प्राइस पर असर डाला और पिछले एक साल में निवेशकों का भरोसा खो दिया।