Acharya Balkrishna Net Worth 2025: बाबा रामदेव के सहयोगी, अरबपति कारोबारी और पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन व CEO आचार्य बालकृष्ण एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है जनसत्ता के सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस द्वारा की गई एक पड़ताल में पता चला है कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दिसंबर 2022 में मसूरी के पास स्थित George Everest Estate में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक टेंडर निकाला था। इस टेंडर को पाने के लिए तीन कंपनियों ने बोली भी लगाई, इनमें से एक विजेता रही। लेकिन बाद में पता चला कि उन सभी तीन कंपनियों में एक शेयर होल्डर कॉमन है, और वो आचार्य बालकृष्ण हैं। Excluive डिटेल यहां पढ़ें।

आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति का बड़ा हिस्सा पतंजलि आयुर्वेद से आता है, जो उपभोक्ता उत्पादों की लीडिंग कंपनी है। इस प्राइवेट कंपनी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी उन्हीं के पास है। बालकृष्ण ने इसे अपने करीबी सहयोगी और प्रसिद्ध योग गुरु बाबा रामदेव के साथ मिलकर शुरू किया था।

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2019 में चेयरमैन बने बालकृष्ण

आज पतंजलि का कारोबार हर्बल टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स से लेकर नूडल्स और जैम जैसे विविध उत्पादों तक फैला हुआ है। ऑनलाइन बिक्री को गति देने के लिए कंपनी ने ऐमजॉन और बिगबास्केट जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी की। साल 2019 में बालकृष्ण ने रुचि सोया का अधिग्रहण किया और बाद में उसका नाम बदलकर पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) रखा गया। इसके साथ ही उन्हें कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया।

Forbes के अरबपतियों में नाम

आचार्य बालकृष्ण की गिनती देश के बड़े कारोबारियों में होती है। योग गुरु बाबा रामदेव के साथ घर-घर में योग पहुंचाने वाले आचार्य बालकृष्ण ने बहुत कम समय में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। फिलहाल वह आयर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के चेयरमैन और CEO हैं। उनकी गिनती Forbes के अरबपतियों की लिस्ट में होती है। वह 53 साल के हैं और देश के सबसे युवा रईस शख्स में शामिल हैं।

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कौन हैं आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि आयुर्वेद आज भारत की सबसे बड़ी कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों में से एक है। और बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। बालकृष्ण के पास कंपनी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और उनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा यहीं से आता है।

आज आचार्य बालकृष्ण एक सफल उद्योगपति हैं। उनका जन्म 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार में हुआ था। उनकी मां सुमित्रा देवी और पिता जय वल्लभ सुबेदी नेपाल से आए अप्रवासी थे। आचार्य बालकृष्ण ने अपना बचपन नेपाल में बिताया।

भारत लौटने के बाद वह हरियाणा में खानपुर गुरुकुल गए जहां उनकी मुलाकात हुई रामदेव से। साल 1995 की बात है जब आचार्य बालकृष्ण और आचार्य करमवीर ने मिलकर दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट बनाया। इस ट्रस्ट की शुरुआत हरिद्वार के कृपालु बाग आश्रम में हुई। उस समय ट्रस्ट योग की शिक्षा देता था। धीरे-धीरे रामदेव ने देशभर में योगगुरू के रूप में अपनी पहचान कायम की।

देश-दुनिया में बाबा रामदेव की प्रसिद्धि फैली और टीवी पर उनके कार्यक्रम प्रसारित होने के बाद लाखों लोग उनके शिष्य बनकर योग अभ्यास करने लगे।

पतंजलि आयुर्वेद की शुरुआत

2006 में आचार्य बालकृष्ण, आचार्य करमवीर और बाबा रामदेव ने मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की। इस कंपनी की शुरुआत बाबा रामदेव के फॉलोअर्स सुनीता और श्रवण पोद्दार की मदद से हुई, जिन्होंने लोन के ज़रिए शुरुआती पूंजी दी।

कुछ ही सालों में पतंजलि आयुर्वेद तेजी से बढ़ी और:

-2012 में कंपनी का टर्नओवर 4.5 बिलियन रुपये तक पहुंच गया।

-2015-16 तक यह कंपनी 50 बिलियन रुपये की हो गई।

-31 मार्च, 2020 तक पतंजलि आयुर्वेद का रेवेन्यू बढ़कर 9022.71 करोड़ रुपये हो गया।

पतंजलि आयुर्वेद कई कैटेगरी में प्रोडक्ट्स बनाती है, जिनमें शामिल हैं:

-इम्युनिटी बूस्टर्स

-पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स

-कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स

कुछ साल पहले पतंजलि ने फैशन और क्लोदिंग बिजनेस में भी एंट्री की थी, लेकिन यह सेगमेंट ज्यादा सफल नहीं रहा।

कंपनी के लिए असली मोड़ 2019 में आया, जब पतंजलि ने संघर्ष कर रहे ब्रांड रुचि सोया का अधिग्रहण कर लिया। अधिग्रहण के बाद इसका नाम बदलकर पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) रखा गया। इसके तहत स्नैक्स, नूडल्स, बेवरेजेज और आटा-दाल-बेसन जैसे ग्रॉसरी आइटम बनाए जाते हैं।

आचार्य बालकृष्ण: पतंजलि की सफलता के असली कर्ताधर्ता

Forbes के अनुसार, आचार्य बालकृष्ण की अनुमानित नेट वर्थ लगभग 2.9 बिलियन डॉलर (लगभग 24,700 करोड़ रुपये) है। दिलचस्प बात यह है कि इतनी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद वह कंपनी से कोई सैलरी नहीं लेते। उनका कहना है कि पैसा लोगों की सेवा में लगना चाहिए, न कि व्यक्तिगत विलासिता में। यही वजह है कि वह बेहद लो-प्रोफाइल जीवन जीना पसंद करते हैं।

बालकृष्ण सिर्फ एक सफल बिज़नेस टायकून ही नहीं, बल्कि जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सक और लोकप्रिय टीवी पर्सनालिटी भी हैं। उनका कहना है कि वह हर दिन करीब 15 घंटे काम करते हैं।

पतंजलि आयुर्वेद में बाबा रामदेव भले ही कंपनी का चेहरा हों, लेकिन उनका इसमें कोई हिस्सा नहीं है। असली हिस्सेदारी आचार्य बालकृष्ण के पास है, जो कंपनी के लगभग 94% शेयर के मालिक हैं।

2022 में पतंजलि आयुर्वेद का टर्नओवर बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। उस दौरान बाबा रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया था कि आने वाले पांच सालों में इस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

पतंजलि आयुर्वेद और पतंजलि फूड्स का FY 2024 का प्रदर्शन

पतंजलि आयुर्वेद

कुल आय (टर्नओवर): ₹9,335.32 करोड़ (FY24), पिछले साल की तुलना में 23.15% की बढ़ोतरी।

ऑपरेशंस से राजस्व: 14.25% गिरकर ₹6,460.03 करोड़ रहा।

अन्य आय: उल्लेखनीय रूप से बढ़कर ₹2,875.29 करोड़ पहुंची (FY24)।

पतंजलि फूड्स

कुल राजस्व: ₹31,961.62 करोड़ (FY24)।

आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद का ऑपरेशनल रेवेन्यू घटने की मुख्य वजह 2022 में इसका फूड बिज़नेस, सूचीबद्ध कंपनी पतंजलि फूड्स को ट्रांसफर किया जाना है।

आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी बड़ी बातें

-आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति उपभोक्ता वस्तुओं की दिग्गज कंपनी पतंजलि आयुर्वेद से आती है।

-बालकृष्ण इस प्राइवेट कंपनी के अधिकतर हिस्सेदारी के मालिक हैं, जिसे उन्होंने राजनीतिक रूप से जुड़े योग गुरु बाबा रामदेव के साथ मिलकर स्थापित किया था।

-पतंजलि हर्बल टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स से लेकर नूडल्स और जैम तक सबकुछ बेचती है।

-ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि ने Amazon और BigBasket जैसे कई ई-कॉमर्स दिग्गजों के साथ समझौते किए हैं।

-खाद्य तेल निर्माता रुचि सोया, जिसे उन्होंने 2019 में अधिग्रहित किया था, का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स रखा गया और उन्हें इसका चेयरमैन नियुक्त किया गया।