वैसे तो कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि पीएफ खाते से आधार नंबर को लिंक कराने के लिए किसी भी कर्मचारी को बाध्य नहीं किया जा सकता है। आपको एक ईपीएफ खाता खोलने, उसे मैंटेन करने और उसे बंद करने के लिए आधार की जरूरत है या नहीं है? कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बीते 18 अक्टूबर को आधार को लेकर क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश देने के लिए एक परिपत्र जारी किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आधार के आदेश का जिक्र करते हुए कहा गया है कि आप पीएफ खाते से आधार लिंक कराने के लिए किसी भी कर्मचारी को मजबूर नहीं कर सकते हैं।

यह सर्कुलर काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि EPFO, कर्मचारियों से UAN नंबर को आधार से लिंक कराने के लिए कहता है। UAN को 2014 में लॉन्च किया गया था। यह इसलिए लॉन्च किया गया था कि एक कर्मचारी का EPF के तहत एक ही खाता नंबर हो, और यह नंबर भी एक एंप्लॉयर से दूसरे एंप्लॉयर को ट्रांसफर किया जा सके।

लेकिन आधार उन EPF मेंबर्स के लिए जरूरी है जो सरकारी स्कीमों का फायदा ले रहे हैं। चाहे वह इसका फायदा फिर पेंशन स्कीम या प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साह योजना के तौर पर ही क्यों न ले रहे हों। सरकार द्वारा कर्मचारियों को भी पैसा दिया जाता है और यह पैसा सरकार के खाते से जाता है। ईपीएफओ के तहत कर्मचारी पेंशन योजना या ईपीएस (1.16 फीसदी) का एक हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाता है। इसकी वजह से आधार को ईपीएफ खाते से लिंक कराना जरूरी हो जाता है।

प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के लिए एंप्लॉयी को आधार लिंक कराना होगा। दरअसल जो एंप्लॉयी 15,000 रुपए महीने से कम कमाते हैं सरकार उनके लिए EPS को तीन साल तक एंप्लॉयर का शेयर पे करती है। इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार को EPF से लिंक कराना जरूरी है। आपको बता दें कि जो एंप्लॉयी EPS और PMRPY के तहत नहीं आते हैं उन्हें पीएफ खाते से आधार लिंक कराने की जरूरत ही नहीं है। UAN आधारित ऑनलाइन सेवाओं  जैसे दुनिया में कहीं भी बैठकर विड्रॉल क्लेम करना आदि का फायदा उठाने के लिए आधार के साथ यूएएन को लिंक करना जरूरी है।