7th Pay Commission, 7th pay commission pension rules: कोरोना काल में कई ऐसे बदलाव हुए हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हैं।
कुछ बदलाव के फायदे तो तत्काल प्रभाव से मिल जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी नियम लागू हुए हैं जो लॉन्ग टर्म में काफी फायदेमंद साबित होंगे। इन्हीं में से कुछ नियम पेंशन से जुड़े हैं। आज हम आपको हाल के दिनों में पेंशन से जुड़े कुछ बदलाव के बारे में बताते हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा।
दरअसल, कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा शर्त में छूट दी थी। इस संदर्भ में सीसीएस (पेंशन) के नियम 38 में संशोधन कर आखिरी भुगतान के 50% पेंशन देने का नियम लागू किया गया, भले ही कर्मचारी 10 वर्ष की न्यूनतम आवश्यक सेवा शर्त को पूर्ण नहीं कर पाया हो। हालांकि, कोई सरकारी कर्मचारी शरीर से या चिकित्सकीय अक्षमता के कारण सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होता है, तभी ये छूट मिलेगी।
इसके अलावा पेंशन से जुड़े नियमों में एक और अहम सुधार किया गया है। ये सुधार सरकारी कर्मचारी के आश्रित से जुड़ा है। नए सुधार नियम के तहत आश्रित को आखिरी भुगतान के 50 फीसदी पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म किया गया है। अब किसी सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तब भी कर्मचारी के परिवार को उसके आखिरी भुगतान के 50 फीसदी राशि पेंशन के तौर पर निर्धारित की जाएगी।
आसान भाषा में समझें तो अगर कर्मचारी 7 साल तक काम नहीं भी किया है, और मृत्यु हो जाती है तब भी उसके आश्रित को पेंशन की सुविधा दी जाएगी। अब तक कर्मचारी के लिए कम से कम 7 साल तक काम करना अनिवार्य था।
आपको बता दें कि बीते साल कोरोना की वजह से सरकारी कर्मचारियों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते को रोक दिया गया था। अब सरकार इस नए वित्त वर्ष में रुके हुए महंगाई भत्ते को जारी करने वाली है। आपको बता दें कि बीते साल सरकार ने पुरानी दर 17 की बजाए 21 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया था।

