बीते साल कोरोना की वजह से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए लीव ट्रैवल कंसेसन (LTC) स्पेशल कैश पैकेज स्कीम लॉन्च की थी। इस पैकेज के तहत कर्मचारियों को खर्च करने के लिए वाउचर दिए गए। हाल ही में सरकार ने ये वाउचर सब्मिट करने की डेडलाइन 31 मई तक के लिए बढ़ा दी है। वाउचर सब्मिट करने वक्त कुछ गलतियों से बचने की जरूरत होगी।
कौन सी हैं गलतियां: LTC बिलों में फर्जीवाड़ा होने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बीते दिनों नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में एलटीसी क्लेम को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि कई कर्मचारियों ने LTC क्लेम के लिए जो बिल सब्मिट किए, उनके एयर टिकट के दाम बढ़ा चढ़ाकर दिए गए हैं। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों ने अनाधिकृत एजेंसी से टिकट खरीदा है, ऐसे कितने कर्मी हैं जिन्होंने तय एयरलाइंस के अलावा किसी प्राइवेट एयरलाइंस में भी सफर किया है।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में सभी मंत्रालय को ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई या हिदायत की सलाह दी है। कहने का मतलब ये है कि आपने एलटीसी बिल सब्मिट करने में कोई गड़बड़ की तो आपको आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में दोषी पाए गए कर्मियों को सेवा से बर्खास्तगी और जबरन रिटायरमेंट जैसा बड़ा दंड दिया जा सकता है।
क्या है एलटीसी स्कीम: दरअसल, केंद्र सरकार कर्मचारी 4 साल में एक बार एलटीसी सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इस स्कीम के तहत यात्रा के लिए कर्मचारी को निर्धारित यात्रा भत्ता दिया जाता है। कर्मचारी एक बार इसका इस्तेमाल कर लेता है तो फिर उसे 4 साल इंतजार करना होगा। इसके बाद ही ये सुविधा मिलेगी।
हालांकि, कोरोना काल में लॉकडाउन और उड़ान सेवाएं प्रभावित रहने की वजह से सरकार ने एलटीसी कैश वाउचर स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम के तहत वाउचर के जरिए कर्मचारियों को कुछ रकम खर्च करने को दिए गए।
ये खर्च 31 मार्च 2021 तक करने थे। इसके बाद इसका बिल सब्मिट करना है। इसी बिल सब्मिट की डेडलाइन को 31 मई तक के लिए बढ़ाया गया है। (कोरोना काल में बदले हैं नाइट ड्यूटी अलाउंस के नियम, ऐसे मिलेगा फायदा)