रेलवे ने अपने 11.58 लाख कर्मचारियों को फेस्टिव सीजन को तोहफा देते हुए 18,000 रुपये तक का बोनस देने का फैसला लिया है। यह बोनस रेलवे गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के तौर पर दिया जाएगा। इन कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक वेतन 7,000 रुपये मानते हुए उन्हें 78 दिन की सैलरी दी जाएगी, जो 17,951 रुपये होती है। हालांकि इसका लाभ पाने वाले लोगों में आरपीएफ और आरपीएसएफ के कर्मचारी शामिल नहीं होंगे, जो रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने का काम करते हैं। बोनस पाने वाले सभी कर्मचारियों के खाते में दशहरे तक या फिर दिवाली से पहले बोनस की रकम ट्रांसफर की जाएगी।

स्पष्ट है कि अक्टूबर महीने की सैलरी के साथ रेलवे कर्मचारियों को बोनस की रकम मिल जाएगी। रेल मंत्रालय के मुताबिक इस पर कुल 2,081.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह बोनस गैर-राजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को हर साल फेस्टिव सीजन से पहले मिलता रहा है। रेल मंत्रालय ने कहा कि इस संकट के दौर में भी पूरी तत्परता के साथ काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए यह फैसला लिया गया है।

रेल मंत्रालय की ओर से बोनस के फैसले की जानकारी देते हुए कहा गया है कि रेलवे कर्मचारियों ने कोरोना संकट के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन में काफी मेहतन की है। इसके अलावा खाद्य सामग्री, फर्टिलाइजर्स, कोयले आदि की मूवमेंट में भी कर्मचारियों ने अहम योगदान दिया है। यही नहीं लॉकडाउन पीरियड के दौरान के दौरान 200 अहम प्रोजेक्ट्स को भी समय पर पूरा करने में इन कर्मचारियों ने मदद की है।

रेल मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा है कि लॉकडाउन के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है। मालगाड़ियों की रफ्तार दोगुनी हुई है। इसके अलावा माल ढुलाई में भी बीते साल के मुकाबले अक्टूबर में 14 पर्सेंट तक का इजाफा हुआ है। रेलवे ने कहा है कि कर्मचारियों के काम का संज्ञान लेते हुए उन्हें बोनस देने का फैसला लिया गया है। उम्मीद है कि भविष्य में भी रेलवे की प्रोडक्टिविटी में इजाफा होगा।