7th Pay Commission latest news in Hindi: प्रदेश में चुनाव से ऐन पहले बिहार सरकार ने बड़ा दांव चलते हुए नियोजित शिक्षकों की सैलरी में 15 पर्सेंट के इजाफे का ऐलान किया है। यही नहीं इन शिक्षकों को ट्रांसफर की सुविधा भी मिल सकेगी और उन्हें सामाजिक सुरक्षा स्कीम एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड से भी जोड़ा जाएगा। नियोजित शिक्षकों को 1 अप्रैल, 2021 से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सीएम नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसका ऐलान किया था। यह फैसला अध्यापकों के अलावा लाइब्रेरियन पर भी लागू होगा, इस तरह प्रदेश में कुल 3.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
प्रदेश के शिक्षा विभाग ने कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वाले शिक्षकों और लाइब्रेरियन्स की मासिक सैलरी में 15 पर्सेंट के इजाफे का प्रस्ताव दिया था। सैलरी में 15 पर्सेंट की बढ़ोतरी और ईपीएफ का लाभ देने से प्रदेश सरकार के खजाने पर 2,765 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सैलरी में इजाफे पर प्रदेश सरकार को 1,950 करोड़ रुपये की रकम खर्च करनी होगी, जबकि ईपीएफ खातों में सूबे की सरकार 815 करोड़ रुपये जमा करेगी। यदि ईपीएफ में जाने वाली रकम को भी जोड़ लें तो सूबे के कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक और लाइब्रेरियन्स की सैलरी में एक तरह से 20 फीसदी का इजाफा हो जाएगा।
बिहार के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी ऑफ एजुकेशन आरके महाजन ने कहा कि प्रदेश सरकार इस ऐलान को तुरंत ही लागू करना चाहती है, लेकिन कोरोना संकट के चलते ऐसा संभव नहीं है। महाजन ने कहा कि जुलाई 2015 में कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों की सैलरी में 20 पर्सेंट का इजाफा हुआ था, इसके बाद 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 17 पर्सेंट का इजाफा किया गया था। अब 20 फीसदी नई बढ़ोतरी के साथ ही 2015 से अब तक अध्यापकों की सैलरी में 60 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी हो गई है।
ITI संस्थानों में बहाल होंगे 2258 नियमित इंस्ट्रक्टर: इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 149 सरकारी आईटीआई संस्थानों में 2258 नियमित इंस्ट्रक्टर की बहाली का फैसला लिया है। यह नियुक्तियां राज्य तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से होगी। माना जा रहा है कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया एक महीने के अंदर शुरू हो जाएगी। लिखित परीक्षा के जरिए इन पदों पर भर्ती की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पर श्रम विभाग ने खाली पदों का ब्योरा जुटाया है। प्रदेश में बीते तीन सालों में सरकारी आईटीआई की संख्या करीब दोगुनी हो गई है।