7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2019, 7th Pay Commission Latest Hindi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए-2 सरकार शुक्रवार (31 मई, 2019) को मंत्रालयों के बंटवारे के ठीक बाद एक्शन मोड में आ गई। एक-एक कर के दोपहर तक ज्यादातर मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालयों का प्रभार संभाल लिया। पीएम के पास कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, परमाणु ऊर्जा व महत्वपूर्ण नीतियों से जुड़े मुद्दों वाले और बिना आवंटित विभाग हैं, जबकि वित्त मंत्रालय की कमान निर्मला सीतारमण को सौंपी गई है। सीतारमण ने भी सभी मंत्रियों की तरह अपना विभाग का चार्ज संभाल लिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है।
दरअसल, केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वे चाहते हैं कि मिनिमम पे 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 26 हजार रुपए कर दिया जाए। हालांकि, आम चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा इस बढ़ोतरी के किए जाने की खबरें आई थीं, पर इस संबंध में कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ। चुनावी आदर्श आचार संहिता को इसके पीछे की वजह बताया गया था। इससे पहले, सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना और विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
वैसे, मोदी के दोबारा पीएम बनने पर केंद्रीय कर्मचारियों में तनख्वाह में इजाफे की आस फिर से जाग उठी है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि पिछली दिनों तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अधिकारियों से इस मसले पर बात हुई थी। उन्होंने तब संकेत दिए थे कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी को लेकर बेहद गंभीर है और वह उनकी मांगों पर विचार विमर्श कर रही है।
वेतन आयोग ने इससे पहले सिफारिश की थी कि पे मैट्रिक्स की समीक्षा के लिए 10 साल पूरे होने का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। समय-दर-समय उसकी समीक्षा की जानी चाहिए। केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह की समीक्षा एकरॉयड (Aykroyd) फॉर्मुला के तहत की जानी चाहिए। एक्सपर्ट्स की मानें तो जल्द ही इस संबंध में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हालांकि, इसमें एक से दो महीने भी लग सकते हैं, पर ऐलान जरूर किया जाएगा। दरअसल, पहले भी कुछ अधिकारी साफ कर चुके हैं कि सरकार इस फैसले के विरोध में नहीं हैं, क्योंकि केंद्रीय कर्मचारी भी उन्हीं की व्यवस्था के अहम अंग हैं।
वहीं, एक अन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया था, “इस फैसले में समय लग सकता है। हो सकता है कि इसमें देर भी हो, पर सही समय पर बिल्कुल दुरुस्त फैसला लिया जाएगा।” इसी बीच, ऐसी भी खबरें आईं कि केंद्रीय कर्मचारी जिस मिनिमम पे में आठ हजार रुपए की बढ़ोतरी की मां कर रहे हैं, वह महज दो हजार रुपए ही की जाएगी। बता दें कि कार्मिक और वित्त मंत्रालय मिलकर वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार-विमर्श करते हैं, जिसके बाद नए फैसले, नीति या फिर फेरबदल को लेकर एक कमेटी समीक्षा करती है। कमेटी के सिफारिशों और सुझाव के आधार पर बाद में दोनों मंत्रालयों के बीच चर्चा होती है, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय अंतिम निर्णय लेता है।