केंद्र सरकार ने बुधवार (29 जून) को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है। इसके तहत वेतन, पेंशन और भत्‍तों में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इससे राजस्‍व पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त बोझ आएगा।

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आयोग ने क्‍या सिफारिशें की हैं, यहां पढ़ें:

वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उम्‍मीद की जा रही है कि देश में मांग बढ़ेगी जिससे कि देश की विकास दर तेज होगी। अधिकतर जानकारों का कहना है कि वेतन आयोग लागू होने से अर्थव्‍यवस्‍था पर सकारात्‍मक असर होता है। हालांकि इससे महंगाई दर के बढ़ने का भी अंदेशा है। हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन के यूरोप से अलग होने का वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल असर होगा। इसके चलते अगर भारत को आगे बढ़ना है तो उसे घरेलू मांग बढ़ानी होगी और ऐसा होने से विकास दर रफ्तार पकड़ेगी।

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सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर ने इस बार कई भत्तों को मिला दिया है।