7th Pay Commission 7th cpc latest news in hindi: भारतीय स्टेट बैंक ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम ऐनिवेयर’ की सुविधा देने का फैसला लिया है। बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना के संकट के दौरान हम तेजी से डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं। इसके तहत ही हमने वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी को अपग्रेड करने का फैसला लिया है। यह फैसला उन कर्मचारियों को लेकर लागू होगा, जिनकी ऑफिस में प्रतिदिन उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। देश के सबसे बड़े बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना के संकट के चलते बैंक के लिए यह साल चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक के नजरिए से देखें तो आने वाले वक्त में ग्राहकों के व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।

इस बीच एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने चौतरफा सैलरी कट और नौकरियां जाने को लेकर कहा है कि इसका बैंक पर असर कम ही होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी और अर्ध सरकारी क्षेत्रों की ओर से कोरोना संकट के दौर में जमकर ट्रांजेक्शन हुआ है, ऐसे में इसका बैंक पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में अब तक भारतीय स्टेट बैंक के 21.8 पर्सेंट कर्मचारियों ने ही मोराटोरियम की सुविधा का लाभ लिया है। उन्होंने कहा कि बैंक की 98 फीसदी शाखाओं में कामकाज हो रहा है, जबकि ऑलटरनेट चैनल्स पर 91 फीसदी काम चल रहा है।

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम की फैसिलिटी की ग्लोबल लेवल पर स्वीकार्यता हुई है। अब बैंक इस पॉलिसी को अपग्रेड करते हुए वर्क फ्रॉम ऐनिवेयर लागू करने जा रहा है। रजनीश कुमार ने रिपोर्ट में कहा कि प्रोडक्टिविटी टूल्स और तकनीक पर पहले ही काम पूरा हो चुका है, जिनके जरिए रिमोट एरियाज से भी काम किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्क फ्रॉम ऐनिवेयर की सुविधा से यात्रा के समय की बचत होगी और समय पर ग्राहकों को सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे वर्क लाइफ बैलेंस में बड़ा इजाफा होगा।

गौरतलब है कि बैंकिंग सेक्टर में सैलरी कट के बीच एसबीआई में भी ऐसा होने की आशंका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रजनीश कुमार ने मजाकिया अंदाज में कहा था कि ऐसा हुआ तो हम रोड पर आ जाएंगे। बता दें कि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा जैसे निजी बैंकों के मुकाबले एसबीआई में सैलरी का स्लैब काफी कम है।