7th Pay Commission: केंद्र सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी दे सकती है। 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी 7th Pay Commission की सिफारिशें लागू होने का 19 महीने से इंतजार कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट ने जून 2016 में ही मंजूरी दे दी थी। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे दी थी। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे भी बढ़ाने की स्ट्रेटजी बना रही है। इसके तहत मैट्रिक्स पे लेवल 1 से 5 तक के कर्मचारियों को रखा जाएगा। जी न्यूज के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी के साथ फिटमेंट फेक्टर को भी 3 गुना बढ़ा सकती है।

केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुने से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए। आपको बता दें कि वेतन विसंगति को सुलाझाने के लिए नेशनल अनॉमली कमेटी बनाई गई थी। न्यूनतम वेतन मे बढ़ोतरी और फिटमेंट फेक्टर वेतन विसंगति नहीं थे। इसलिए यह नेशनल अनॉमली कमेटी के दायरे में नहीं आते।

इसके बाद खबरें आईं कि केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेगी। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। इस समिति में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सचिवों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, पेंशन, रिवेन्यू, एक्सपेंडेचर, हेल्थ, रेलवे बोर्ड के साइंस एंड टेक्नॉलोजी के चैयरमेन और डिप्टी कैग इसके मेंबर हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा इस कमेटी के अध्यक्ष हों। हालांकि अभी तक इस कमेटी के बारे में भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।