7th Pay Commission 7th cpc latest news today in Hindi: भारतीय स्टेट बैंक में किसे सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है? इस सवाल के जवाब में हर कोई कहेगा कि चेयरमैन का वेतन सबसे ज्यादा होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। देश के सबसे बड़े बैंक के मुखिया को सबसे ज्यादा सैलरी नहीं मिलती है बल्कि बैंक के सीएफओ यानी मुख्य वित्तीय अधिकारी की सैलरी उनसे ज्यादा है। इसकी पुष्टि हाल ही में बैंक की ओर से जारी विज्ञापन से भी होती है। इसमें चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर को सालाना 1 करोड़ रुपये सैलरी देने की बात कही गई है, जो बैंक के चेयरमैन से कहीं ज्यादा है। बैंक के चेयरमैन का सालाना पैकेज 14 लाख के करीब है। इस लिहाज से देखें तो चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की सैलरी कहीं ज्यादा हुई।

सीएफओ के पद के लिए 15 साल का सीए के तौर पर अनुभव रखने वाले शख्स ही आवेदन कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक की ओर से फाइनेंस का पूरा फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए किसी योग्य उम्मीदवार को नियुक्त करने की बात कही गई है। इसके तहत ही अब बैंकों में सीएफओ की नियुक्तियां हो रही हैं। 2017 में रिजर्व बैंक की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस में कहा गया था कि सीए के तौर पर 15 साल का अनुभव रखने वाले लोगों को सीएफओ की पोस्ट पर नियुक्ति दी जा सकती है।

हाल ही में कोरोना के मद्देनजर निजी बैंकों में सैलरी में कटौती को लेकर सवाल पूछा गया था कि क्या सरकारी बैंकों में भी ऐसा हो सकता है। इसके जवाब में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने मजाकिया अंदाज में कहा था कि ऐसा हुआ तो रोड पर रहना होगा। भले ही एसबीआई के मुखिया ने यह जवाब मजाकिया तौर पर दिया था, लेकिन इसके जरिए उन्होंने निजी और सरकारी बैंकों के अधिकारियों की सैलरी में अंतर को भी एक बार फिर से उजागर किया था।

प्राइवेट और सरकारी बैंकरों की सैलरी में है बड़ा अंतर: निजी और सरकारी बैंकों के सीईओ की मासिक सैलरी पर नजर डालें तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुखिया को 2.42 लाख रुपये मासिक का वेतन मिलता है, जबकि एचडीएफसी बैंक के सीईओ की सैलरी 89 लाख रुपये है। जो एसबीआई के चीफ के मुकाबले करीब 40 गुना ज्यादा है।