भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी शिविरों पर लक्षित सैन्य कार्रवाई की खबर के बाद शेयर बाजारों में गुरुवार (29 सितंबर) को जोरदार गिरावट आई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 465 अंक टूट गया। यह सेंसेक्स में तीन महीने में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 573 अंक तक नीचे आ गया था। लेकिन निचले स्तर पर कुछ लिवाली से सेंसेक्स को संभलने का मौका मिला और यह दिन के निचले स्तर 27,719.92 से ऊपर बंद हुआ। इस बीच वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई से आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा। अधिकारी ने विश्वास जताया कि बाजार में शीघ्र ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

इसी के साथ रुपए की विनिमय दर में भी तेज गिरावट देखी गई और यह डॉलर के मुकाबले 49 पैसे के नुकसान से 66.95 प्रति डालर पर आ गया। हालांकि, ओपेक द्वारा आठ बरस में पहली बार तेल उत्पादन घटाने के फैसले से वैश्विक बाजारों में तेजी का रुख रहा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूत खुला पर नियंत्रण रेखा की खबर से कारोबारियों की धारणा को झटका लगा। सितंबर के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के सौदों के चलते खरीद फरोख्त बने रहने से बाजार थोड़ा संभला रहा। ओपेक द्वारा तेल उत्पादन घटाने के अप्रत्याशित निर्णय से प्रारंभिक कारोबार में सेंसेक्स एक समय 28,475.57 तक चढ़ गया था। लेकिन सेना की कार्रवाई की खबरें आते ही जोरदार बिकवाली का सिलसिला चल पड़ा।
अंत में सेंसेक्स 465.28 अंक या 1.64 प्रतिशत की जोरदार गिरावट के साथ 27,827.53 अंक पर टिका । यह 24 जून के बाद सेंसेक्स में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके अलावा यह 26 अगस्त के बाद सेंसेक्स का सबसे निचला बंद स्तर है। उस दिन सेंसेक्स 27,782.25 अंक पर बंद हुआ था। बुधवार के कारोबार में सेंसेक्स 69.11 अंक चढ़ा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी कारोबार के दौरान 8,600 अंक से नीचे 8,558.25 अंक पर आने के बाद कुछ सुधरा। अंत में निफ्टी 153.90 अंक या 1.76 प्रतिशत के नुकसान से 8,591.25 अंक पर बंद हुआ। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने ट्वीट किया, ‘आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थिरता बढ़ेगी। ‘

ब्रोकरों ने कहा कि सेना द्वारा कर रात नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमले की खबर आने के बाद बाजार का मूड सतर्कता वाला हो गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 29 में गिरावट आई। अडाणी पोर्ट्स, सनफार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, गेल, टाटा स्टील, ल्यूपिन, टाटा मोटर्स और एसबीआई के शेयरों में 5.01 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इस रुख के उलट टीसीएस का शेयर 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, ‘सीमा पर गतिविधियों की खबर से शेयर बाजार में घबराहट की स्थिति पैदा हुई और व्यापक आधार पर बिकवाली का सिलसिला चला।’

विभिन्न वर्गों के सूचकांकों में बीएसई रीयल्टी में सबसे अधिक 6.31 प्रतिशत की गिरावट आई। बिजली में 4.11 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा में 3.26 प्रतिशत, धातु में 3.17 प्रतिशत, बुनियादी ढांचा में 3.15 प्रतिशत, टिकाऊ उपभोक्ता सामान में 2.84 प्रतिशत, पीएसयू में 2.82 प्रतिशत और पूंजीगत सामान में 2.50 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई स्मालकैप में 4.02 प्रतिशत व मिडकैप में 3.60 प्रतिशत का नुकसान रहा।

अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 73.83 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। ज्यादातर एशियाई और यूरोपीय बाजार सकारात्मक दायरे में रहे। जापान का निक्की 1.39 प्रतिशत चढ़ा, हांगकांग के हैंगसेंग में 0.51 प्रतिशत, शंघाई कम्पोजिट में 0.36 प्रतिशत का लाभ रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार ऊपर चल रहे थे। बाजार में कुल 2,297 शेयर नुकसान में रहे, जबकि 442 में लाभ रहा। 192 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।