RBI ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि 2000 रुपये का नोट चलन से वापस लिया जाएगा। लेकिन बड़ी बात ये है नोट की वैधता खत्म नहीं होने वाली है। आरबीआई ने कहा है कि बस अब आगे 2000 रुपये के नोट नहीं छापे जाएंगे। जारी बयान में RBI ने कहा है कि 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर रहेगा, सिर्फ इसे सर्कुलेशन से बाहर किया जा रहा है।

2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर रहेंगे

ये भी जानकारी दी गई है कि जिन भी लोगों के पास 2000 रुपये के नोट हैं, वे बड़े ही आराम से 30 सितंबर तक उन्हें वापस कर सकते हैं, यानी कि चिंता की कोई बात नहीं है और 2000 रुपये के नोट अभी लीगल टेंडर रहने वाले हैं। RBI ने बताया है कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत उसने 2000 रुपये का नोट सर्कुलेशन से वापस लिया है। वैसे जो फैसला लिया गया है, उसकी अटकलें लंबे समय से लग रही हैं। असल में RBI की जो वार्षिक रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें बताया गया था कि वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा गया था, यानी कि सर्कुलेशन तो पहले ही कम कर दिया था।

नोटबंदी का फैसला और 2000 रुपये की शुरुआत

जानकारी के लिए बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2016 में बड़ा फैसला लेते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला लिया था। उस समय 2000 रुपये के नोट को भी चलन में लाया गया था, तर्क दिया गया था कि जिन नोटों को चलन से बाहर किया गया, उसकी भरपाई ये बड़ा नोट कर देगा। लेकिन पिछले कुछ सालों में 2000 रुपये नोट का सर्कुलेशन भी बाजार में कम हो गया था।

कितना चलन में रहा 2000 रुपये का नोट?

यहां ये समझना जरूरी है कि 2000 रुपये का नोट सबसे ज्यादा चलन में 2017-18 में रहा था। तब 2000 रुपये के कुल 33,630 लाख नोट सर्कुलेशन में थे, उनकी कुल वैल्यू तब 6.72 लाख करोड़ रुपये थी। लेकिन इसके बाद साल 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बताया था कि पिछले दो सालों में एक भी 2000 रुपये का नोट नहीं छापा गया।