Budget 2019 for Common Man, Income Tax Slab Rate Changes: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में गांव, गरीब और किसान पर जोर दिया है। इसके साथ ही इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। फरवरी में पेश बजट प्रावधानों के अनुरूप ही आयकर की सीमा रखी गई है। हालांकि, चुनाव से पहले पेश हुए बजट में जहां मोदी सरकार का जोर गरीब और किसानों पर ज्यादा था, वह चुनाव बाद थोड़ा बदल गया है।
फरवरी 2019 में जब अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था तब उनके बजट भाषण में कुल 24 बार किसान शब्द का जिक्र हुआ था लेकिन इस बार निर्मला के बजट भाषण में मात्र दस बार ही इस शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इनमें से एक बार अंग्रेजी का शब्द फार्मर (Farmer) शामिल है।
इसी तरह निर्मला सीतारमण ने गरीब शब्द का मात्र दो बार ही इस्तेमाल किया है। एक बार नारे के रूप में गरीब का और दूसरी बार अंग्रेजी में Poor का, जबकि पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में कुल पंद्रह (15) बार गरीब शब्द का इस्तेमाल किया था। युवाओं पर भी नए बजट में फरवरी की तुलना में थोड़ा कम जोर दिया गया है। सीतारमण ने कुल चार बार युवा शब्द का इस्तेमाल किया है जबकि फरवरी में छह बार इसका जिक्र किया गया था।
निर्मला सीतारमण ने सबसे ज्यादा 114 बार टैक्स शब्द का इस्तेमाल किया है, जबकि करदाता का जिक्र मात्र एक बार (अंग्रेजी में) किया है। मध्य वर्ग पर भी निर्मला का जोर नहीं रहा है। अपने बजट भाषण में उन्होंने मात्र तीन बार मध्य वर्ग का इस्तेमाल किया है, जबकि पीयूष गोयल ने तेरह बार मध्य वर्ग का जिक्र किया था। सीतारमण का जोर टैक्स के अलावा बैंक, आय और प्रधानमंत्री जैसे शब्द पर ज्यादा रहा है।
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देखें- निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में किस शब्द का कितनी बार किया जिक्र:


