देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थ पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब हरित एवं सतत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उत्तराखंड सरकार ने ऋषिकेश के तपोवन से नरेंद्रनगर स्थित प्रसिद्ध कुंजापुरी मंदिर तक रोपवे निर्माण के लिए विश्वप्रसिद्ध स्विस कंपनी Bartholet Maschinenbau AG के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह रोपवे परियोजना न सिर्फ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के सुविधाजनक साबित होगा बल्कि यात्रा समय को घटाएगा। इसके अलावा रोपवे सुरक्षा को बढ़ाएगा और पर्यावरण पर प्रभाव को भी बेहद कम करेगा। 

पहली बार OEM कंपनी की प्रारंभिक चरण से भागीदारी

यह पहली बार है जब भारत में किसी रोपवे परियोजना में एक मूल उपकरण निर्माता (OEM) को उसकी संकल्पना से लेकर निर्माण, संचालन और हस्तांतरण तक की सभी प्रक्रियाओं में शामिल किया गया है। Bartholet, जो HTI ग्रुप का हिस्सा है, परियोजना की Detailed Project Report (DPR) अपने खर्च पर तैयार करेगा, जिसमें तकनीकी और आर्थिक आकलन शामिल होंगे। इससे डिजाइन की गुणवत्ता और क्रियान्वयन की समयसीमा दोनों में सुधार होगा।

खास बातें

राज्य सरकार की अगुवाई में वैश्विक OEM के साथ पहला ऐसा सहयोग।
तकनीकी जांच और DPR तैयारी OEM द्वारा, राज्य पर कोई व्यय भार नहीं।
PPP मॉडल के तहत Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) ढांचे में कार्यान्वयन।
तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुरक्षित, सुगम और पर्यावरण हितैषी यात्रा विकल्प।
स्थानीय रोजगार में वृद्धि और राज्य के लिए दीर्घकालिक राजस्व सृजन।

महत्व

आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट को मजबूत करता है।
हरित, आधुनिक अवसंरचना की दिशा में राज्य का दूरदर्शी कदम।
यह मॉडल भविष्य में पूरे देश में रोपवे परियोजनाओं के लिए मिसाल बनेगा।
Bartholet का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा किया गया, जिसमें कंपनी की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने की विशेषज्ञता, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन और अत्याधुनिक तकनीक को प्राथमिकता दी गई।

यह समझौता केवल एक रोपवे परियोजना की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह भारत में तकनीकी रूप से उन्नत और पर्यावरण-अनुकूल गतिशीलता समाधानों के युग की शुरुआत का संकेत है।