मध्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगी। इसकी थीम भविष्य के लिए तैयार मध्य प्रदेश रखी गई है। समिट से पहले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास नीति को भी संशोधित किया जाएगा। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति प्रस्तुत की जाएगी। प्रयास यह किया जा रहा है कि 1000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को निर्यातक के रूप में स्थापित किया जाए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तय किया है कि वह समिट की तैयारी को लेकर हर 15 दिन में समीक्षा करेंगे। कृषि क्षेत्र के बाद अब सरकार का जोर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर है। यह सीमित सरकारी संसाधनों से संभव नहीं है इसलिए निवेश बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं।
खास बात ये है कि इस बार का आयोजन मध्य प्रदेश के भविष्य के लिए तैयार थीम पर आधारित होगा। समिट से पहले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास नीति को भी संशोधित किया जाएगा। इसमें निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति पेश की जाएगी।
समित के दौरान सरकार का प्रयास रहेगा कि 1000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को निर्यातक के रूप में स्थापित किया जाए। इस दौरान इन्वेस्ट एमपी पोटर्ल भी लॉन्च होगा। साथ ही कॉमर्स से इकाइयां भी जोड़ी जाएगी। वहीं, समिट से पहले एमएसएमई नीति में भी संशोधन किया जा सकता है।
निवेश के लिए इन क्षेत्रों का किया चिह्नित
सरकार ने निवेश के लिए उन क्षेत्रों को चिह्नित किया है जो आर्थिक गतिविधियों को गति देते हैं। इसमें आटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मा, अक्षय ऊर्जा, वस्त्र, स्वास्थ्य, पर्यटन, वेयरहाउसिंग प्रमुख हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। नौ क्लस्टर को विकास अनुमति भी दी जा चुकी है। इनमें एक हजार करोड़ रुपये के निवेश से 365 इकाइयों की स्थापना होगी।
इस समिट के लिए क्या हैं तैयारियां और प्रस्ताव
इसकी थीम भविष्य के लिए तैयार मध्य प्रदेश रखी गई है।
प्रदेश में भूमि, पानी, सस्ता मानव संसाधन अनुकूल है।
एक से डेढ़ घंटे में प्रदेश से किसी भी महानगर पहुंचा जा सकता है।
अधोसंरचना विकास का काम चल रहा है। छह एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हैं। दोनों ओर औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की योजना है। धार जिले के पीथमपुर में पीएम मित्र पार्क में कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिए एकीकृत वृहद एवं आधुनिक परिधान औद्योगिक अधोसंरचना का निर्माण किया जाना है। आवंटित भूमि का उपयोग हो चुका है। अब इसका विस्तार किया जा रहा है।
नई औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति की जा रही तैयार
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को प्रभावी एवं व्यापक बनाया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि निवेशकों को आकर्षित करने देश के अलग-अलग हिस्सों में रोड शो होंगे। मुख्यमंत्री प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद कर रहे हैं और जो कठिनाइयां बताई जा रही हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। निर्यात के क्षेत्र में प्रदेश ने प्रगति की है पर इसे और प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी समिट के दौरान घोषित की जाएगी। प्रदेश के उत्पाद देश-दुनिया की नजर में आए, इसके लिए इकाइयों को ई-कामर्स प्लेटफार्म से जोड़ने की पहल भी की जाएगी।