अभी हाल में मेरी एक सहेली ने मेरे बड़े-बड़े पोस्टर विपक्षी पार्टी के लोगों के हाथ में देखे। वे लोग मेरी उन फोटोज और पोस्टर्स को जला रहे थे और गुस्से में बुरी तरह से फाड़ रहे थे। इसके साथ ही कुछ लोग तो चप्पल निकाल-निकालकर भी मेरी फोटो पर मार रहे थे। इसके पीछे एक ही वजह थी। वह वजह यह थी कि मैंने खुदको ‘राष्ट्रवादी’ कहने वाले लोगों को गुस्सा कर दिया था। यह गुस्सा तब फूटा जब मैंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के एक बयान के लिए अपनी असहमति जताई। दरअसल, पर्रिकर ने पाकिस्तान जाने को नर्क के बराबर कहा था लेकिन मैं ऐसा नहीं मानती। मैं हाल ही में इस्लामाबाद से आई हूं। ऐसे में मैं कह सकती हूं कि उस देश में हम जैसे ही लोग हैं। वहां नर्क जैसा कुछ नहीं है। पाकिस्तान की मिलिट्री और सरकार से देश के संबंध चाहे जैसे भी हों लेकिन जब भी पड़ोसी देश के लोगों द्वारा दोस्ती का हाथ बढ़ाया जाए, हमारी तरफ से उसका स्वागत होना चाहिए।
मैं सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थी। उस मीटिंग में मैंने कई ऐसे रास्तों को देखा जिससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करके दोनों देश अपनी-अपनी जरूरतें पूरी कर सकते है। देश में अपने आपको राष्ट्रवादी बताने वाले लोग कभी नहीं चाहते कि समस्याओं को सही तरीके से सुलझाया जाए। उनके अंदर एक ऐसी देशभक्ति है जो सड़क पर शोर मचाने से शुरू होकर वहीं पर खत्म हो जाती है। इस सबसे उन्हें टीवी पर प्राइम टाइम में अटेंशन तो मिल जाती है लेकिन शांति बनाए रखने के लिए कुछ और करना ही होगा।
मैं अपनी पूरी आस्था से देश की सेवा करती हूं। मेरा मानना है कि देश को आगे लेकर जाने के लिए पड़ोसियों से संबंध अच्छे होने ही चाहिए। संबंध अच्छे करने के समाधान भी वक्त वक्त पर खोजे जाने चाहिए। इस्लामाबाद में जमा हुए लोग उसी समाधान को निकालना चाहते थे। मैंने भी अपना योगदान दिया ताकि एक अच्छे विश्व और अच्छे भविष्य का सपना देखा जा सके। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सड़क पर मेरे कितने पोस्टर किन लोगों ने फूंक डाले। मेरे खिलाफ देशद्रोह की शिकायत की गई है। फिर भी मैं अपनी बात पर टिकी हूं। मुझे नहीं लगता कि मुझे बयान वापस लेने या माफी मांगने की जरूरत है। यह देश की विडंबना है कि मर्डर के दोषी आराम से निकल जाते हैं और शांति का रास्ता निकाल रहे लोगों को निशाने पर लिया जाता है।
रम्या का असली नाम DIVYA SPANDANA है। वह एक्ट्रेस होने के साथ-साथ पूर्व सांसद भी हैं। वह 15वीं लोकसभा में कर्नाटक के मंड्या से सांसद थीं।
