भारत में मानसून की शुरुआत के साथ वाहन चलाने वालों की समस्याओं में इजाफा हो जाता है जिसमें वाहनों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला मामला जलभराव का है जो सड़कों के अलावा के अलावा बेसमेंट वाली पार्किंग में भी हो सकता है। बरसात के मौसम में अक्सर रोड साइड पार्किंग की हुई या बेसमेंट में लगाई गई गाड़ी में पानी भर जाता है जिससे इंजन से लेकर वायरिंग तक गाड़ी में कई प्रकार की समस्या खड़ी हो जाती हैं।

Car Maintenance Tricks in Monsoon

अगर आप भी खड़ी गाड़ी में पानी घुसने के बाद भारी नुकसान उठा चुके हैं या इस स्थिति से बचना चाहते हैं यहां जान लीजिए कि गाड़ी में पानी भरने के बाद उसकी मेंटेनेंस किसी तरह का नुकसान झेले बिना कैसे की जा सकती है।

कार स्टार्ट न करें

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, अगर आपकी गाड़ी में बाढ़ या सड़क पर जलभराव के चलते पानी भर गया है तो सबसे पहले गाड़ी को चालू करने से बचें, क्योंकि ऐसा करना आपकी गाड़ी के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। कार को मैन्युअल रूप से अनलॉक करें (key fob का उपयोग किए बिना) और सभी दरवाजे खोलें। अगर पानी ज्यादा है, तो उसे निकलने दें और कार के इंटीरियर में थोड़ी हवा आने दें। कार में किसी भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम को चालू करने से बचें। इसके अलावा, कार को पूरी तरह से सूखने दें और यदि आवश्यक हो तो प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक पोर्टेबल पंखे का उपयोग करें।

कार के अधिकृत सर्विस सेंटर पर कॉल करें

दूसरा सबसे जरूरी कदम है एक अधिकृत सर्विस सेंटर पर कॉल करना और एक एक्सपर्ट कार मैकेनिक को मौके पर बुलवाना। गाड़ी में पानी भरने के बाद यह करना सही है और हम इसकी सलाह भी देते हैं।

बैटरी टर्मिनलों को डिस्कनेक्ट करें

लगभग सभी कारों में कार के अंदर बोनट रिलीज मैकेनिज्म होता है, इसलिए कार के दरवाजे खोलने के बाद, बोनट खोलें और बैटरी टर्मिनलों को डिस्कनेक्ट करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय है ताकि पानी में कोई शॉर्ट सर्किट न हो।

लिक्विड बदलें

एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि तारों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो अगला कदम उन सभी तरल पदार्थों को बदलना है। इंजन ऑयल, गियरबॉक्स ऑयल, डिफरेंशियल ऑयल, पावर स्टीयरिंग फ्लुइड और क्लच फ्लुइड को ड्रेन करें। कूलेंट को भी बदलें, क्योंकि अगर गंदा पानी संयोग से सिस्टम में आ गया, तो इससे और नुकसान हो सकता है। साथ ही एयर फिल्टर को भी बदलें।

फ्यूल टैंक को खाली करें

एक बार सभी तरल पदार्थ बदल दिए जाने के बाद, अगला कदम फ्यूल टैंक को निकालना है, क्योंकि पानी इसमें प्रवेश कर सकता था। ईंधन के साथ कोई भी पानी सिलेंडर, ईंधन इंजेक्टर/कार्बोरेटर (पुराने वाहन), और अन्य कंपोनेंट्स में परेशानी का कारण बन सकता है।