
भारत के परंपरागत परिवेश में पहले कामकाजी महिलाओं की संख्या कम थी और परिवार संयुक्त थे। बड़े-बुजुर्गों और परिवार के…
भारत के परंपरागत परिवेश में पहले कामकाजी महिलाओं की संख्या कम थी और परिवार संयुक्त थे। बड़े-बुजुर्गों और परिवार के…
मौजूदा दौर में किसी को दहेज के लिए भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना बीते जमाने की बात लगती है। जबकि…
आखिर कैसे बच्चों का मन तकनीक के तारों में इतना उलझ गया कि वास्तविकता से नाता ही टूट गया? क्यों…
हाल के वर्षों में अधिकतर आभासी माध्यम आक्षेप, आरोप और उपहास का अड्डा बन गए हैं। आम लोग भी जीवन…
चिताजनक है कि प्रेम और परवाह के भाव से शुरू होने वाले सहजीवन में साथी और उसके परिजनों का जीवन…
चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां दूषित हवा बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी लील रही है।…
बिखरते सामाजिक-पारिवारिक ढांचे के इस दौर में भारत, एकल अभिभावक वाले परिवारों के मामले में अमेरिका, चीन और जापान के…
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अध्ययन में भी सामने आया है कि सुरक्षित यातायात, घर और बाहर की जिम्मेदारियों के बीच…
डिजिटल होती जीवनशैली में हर हाथ में आया ‘स्मार्ट फोन’ शिक्षित-अशिक्षित, हर तरह के लोगों को ठगी के जाल में…
हमारे यहां विवाह विच्छेद के मामले दुनिया के बहुत से देशों के मुकाबले काफी कम हैं। बावजूद इसके, शादीशुदा जिंदगी…
बीते दिनों तलाक के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय की खूब चर्चा हुई। इस फैसले में सर्वोच्च अदालत…
सड़क दुर्घटनाओं के कारण दुनिया के अधिकांश देशों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का करीब तीन फीसद खर्च करना पड़ता…