Jansatta Blog
Blog: प्रकृति और स्त्री पर बदलते नजरिए, पोषणकारी शक्तियों से नियंत्रित सत्ता तक

जैसे-जैसे वैज्ञानिक क्रांति आगे बढ़ी, प्रकृति की पोषण देने वाली छवि कमजोर होती गई। विज्ञान और तर्कवाद के बढ़ते प्रभाव…

Jansatta Editorial, Jansatta Sampadkiya
संपादकीय: कुपवाड़ा में समाजसेवक की घर में घुसकर हत्या से घाटी में फिर दहशत, आखिर कब थमेगा आतंक का सिलसिला?

पहलगाम हमले के बाद आम जनभावना यही है कि दहशतगर्दी को पोसने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कोई निर्णायक कदम उठाया…

Jansatta Editorial, Jansatta Sampadkiya
संपादकीय: दिल्ली की झुग्गियों में धधकी आग, हादसों से निपटने की व्यवस्था के दावों का सच उजागर

सवाल है कि जिस वक्त ऐसी झुग्गी बस्तियां बस रही होती हैं, उस समय वे सरकारी महकमे क्या कर रहे…

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Akshaya Tritiya 2025: बिना मुहूर्त निकलवाए कोई भी शुभ कार्य करने का दिन है अक्षय तृतीया, जानिए शास्त्रों में क्यों कही जाती है अमोघ तिथि?

Akshaya Tritiya 2025 Kab Hai: भविष्यपुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया को युगादि तिथि माना गया है, यानी इसी तिथि से…

Mango Price Today, Mango Price in Delhi, Mango Price in Agra
Mango Price: दक्षिण भारत के आम पहुंचने लगे दिल्ली, मंडी में मिलने लगे हमाम और सफेदा

Mango Price per Kg: आजादपुर मंडी के ‘फ्रूट एंड वेजिटेबल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव व पूर्व एपीएमसी सदस्य अनिल मल्होत्रा…

Jansatta Editorial, Jansatta Sampadkiya
संपादकीय: दिल्ली में अपराध बेलगाम, कानून-व्यवस्था पर सवालों के घेरे में सरकारें; न जिम्मेदारी तय, न ठोस पहल

सवाल है कि अगर केंद्र सरकार को समस्या और उसके स्वरूप के बारे में पूरी जानकारी है, तो उस पर…

Jansatta Editorial, Jansatta Sampadkiya
संपादकीय: पश्चिम पर ठीकरा फोड़कर दहशतगर्दी से पल्ला झाड़ने का पाखंड, कबूल भी और मुकर भी; पाकिस्तान की नई चाल

दुनिया के अनेक देश मानते हैं कि पाकिस्तान दहशतगर्दों की सबसे बड़ी पनाहगाह बन चुका है। वैश्विक आंकड़े बताते हैं…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: प्रार्थनाओं का बदलता स्वरूप, जब अहंकार और स्वार्थ से हार गई विनम्रता

अगर हमारी प्रार्थनाएं करुणा, भाईचारा, प्रेम, सहिष्णुता उत्पन्न करने में विफल हो रही हैं, तो हमें समझ लेना चाहिए कि…

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जनसत्ता सरोकार: गलतियों को छिपाने से नहीं, स्वीकारने से आती है असली सकारात्मकता

बहुत सारी बातें नकारात्मक तभी तक बनी रहती हैं, जब तक हम उन्हें स्वीकार नहीं करते, उल्टा उन्हें सही ठहराने…

Nishikant Dubey, controversial statement, judiciary, legislature
जनसत्ता सरोकार: न्यायपालिका या विधायिका? निशिकांत दुबे के बयान से लोकतंत्र की तासीर पर बड़ा सवाल

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पिछले दिनों दिल्ली के वाइस प्रेसिडेंट एंक्लेव में राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा था…

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