साहित्य अकादमी का वार्षिक साहित्य उत्सव 15 फरवरी को शुरू होगा। जिसमें जनजातीय, मौखिक और पूर्वोत्तर का साहित्य केंद्र में होगा। अकादमी जनजाति भाषा काव्य उत्सव का आयोजन करेगी। जिसमें देशभर के जनजातीय कवि अपनी मूल भाषाओं में काव्यपाठ करेंगे और साथ ही उसका हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद सुनाया जाएगा। अकादमी का पहले से ही देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में अपना जनजाति एवं मौखिक साहित्य केंद्र है और अब उसने हाल ही दिल्ली में भी ऐसा ही केंद्र खोला है।
उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के लेखकों का समागम ‘पूर्वोत्तरी’ का भी आयोजन किया जाएगा। इस छह दिवसीय आयोजन के तहत अकादमी 16 फरवरी को 2015 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन करेगी। उत्सव का उद्घाटन मशहूर ओड़िया लेखक और फेलो साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ता मनोज दास करेंगे। पिछले साल दिसंबर में साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने संवाददाता सम्मेलन में 23 विभिन्न भाषाओं के चयनित लेखकों के नामों की घोषणा की थी।
अकादमी का वार्षिक ‘संवत्सर’ व्याख्यान मशहूर न्यायविद और गांधीवादी विचारक चंद्रशेखर धर्माधिकारी देंगे। ‘गांधी, अंबेडकर और नेहरू – कंटीन्यूटीज व डिसकंटीन्यूटीज’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। जिसमें आधुनिक भारत के इन तीनों निर्माताओं के दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा होगी। संगोष्ठी का उद्घाटन मशहूर विद्वान कपिला वात्सायन करेंगी। कई अन्य कार्यक्रम भी होंगे।